संविधान दिवस पर निबंध – Essay On Constitution Day in Hindi

दो शब्दों  सम और विधान से मिलकर बना संविधान अर्थात किसी राष्ट्र के लिए बनायीं गयी संहिता | जिसमे सम का अर्थ है समान और विधान का अर्थ है नियम एवं कानून है, अर्थात एक ऐसा नियम जो समस्त नागरिको पर समान रूप से लागू होता है, उसे ही संविधान कहते है। किसी भी राष्ट्र  का संविधान वहां की राजनीतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था एवं वहाँ निवास कर रहे नागरिकों के हित की रक्षा करने का एक मूल माध्यम होता है। संविधान के माध्यम से ही उस राष्ट्र के विकास की दिशा निर्धारित होती है।

संविधान दिवस पर निबंध – Long and Short Essay On Constitution Day in Hindi

यह वो मौलिक कानून है जो सरकार के विभिन्न उद्यमों की रूपरेखा तथा मुख्य कार्यों को निर्धारित करता है। संविधान के माध्यम से ही सरकार और देश के नागरिकों के बीच सम्बन्ध स्थापित होता है। मुख्यतः संविधान दो प्रकार के होते है, पहला लिखित तथा दूसरा अलिखित या मौखिक , संयुक्त राज्य अमेरिका का का संविधान विश्व का प्रथम लिखित संविधान है, तथा भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान  है | सर्वप्रथम भारतीय संविधान के सभा के अस्थायी अध्यक्ष के रूप में श्री सच्चिदानंद सिन्हा को निर्वाचित किया गया था,

उसके बाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष  के रूप में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को  निर्वाचित किया गया था। डॉ भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे |प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को मनाये जाने वाले संविधान दिवस के द्वारा लोगों में संविधान के बारे में जानने, समझने एवं आवश्यकतानुसार उसका इस्तेमाल  करने के लिए जागरूक किया जाता है। हमारे संविधान के बारे में जानकारी रखना प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्त्तव्य है।

संविधान दिवस का आरम्भ

भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाने वाला संविधान दिवस 26 नवंबर सन 1949 में बन कर तैयार हुआ था। डॉ॰ भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष नियुक्त किये गए थे, उन्ही के 125वें जयंती 26 नवंबर पर वर्ष 2015 से इस दिवस को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता  है । संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह एवं 18 दिन का समय लगा। 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने ऐसे लिखित रूप से पूरा करके भारत सरकार को समर्पित कर दिया। 26 जनवरी 1950 से संविधान संपूर्ण गणतंत्र भारत में विधानपूर्वक लागू किया गया।

दशकों पूर्व से ही आंबेडकरवादी और बौद्ध लोगों द्वारा  ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता था ।  संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष  डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के इस महान योगदान के कारण भारत सरकार द्वारा सन 2015  से उनके जन्मदिवस 26 नवम्बर को “संविधान दिवस” के रूप में मनाये जाने की घोषणा की। संविधान के महत्त्व के बारे में लोगों में जागरूकता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में बहुत महत्वपूर्ण तरीके से मनाते हैं।  इस दिन का महत्त्व इसलिए और बढ़ जाता है क्यूंकि संविधान निर्माण समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ सर हरीसिंह गौर का भी जन्मदिवस 26 नवंबर को ही होता है ।

संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य

भारतीय संविधान का निर्माण देश में सौहार्द और शांति बनाए रखने के लिए किया गया है जिस वजह से लोगों को स्वयं के बनाये दृष्टिकोण पर विचार विमर्श करने के लिए अनावश्यक  संघर्ष ना करना पड़े। अन्य देशों के अपेक्षा भारतीय संविधान बहुत विशालतम  है। निर्माण के पश्चात् इसे 395 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां तथा 22 भागों में विभाजित किया गया था किन्तु संविधान में होने वाले संसोधनों के पश्चात् वर्तमान समय में  भारतीय संविधान में 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भाग  है।

भारतीय संविधान में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया गया है , यह संविधान दृढ़ होने के साथ-साथ लचीला भी है।इस से हमे यह सन्देश मिलता है कि संपूर्ण देश में सौहार्द्रता, शांति और समानता को बनाए रखना प्रत्येक नागरिक, सरकारी अथवा निजी संगठनों का मौलिक कर्तव्य है तथा हम सबको इसका दृढ़ता के साथ पालन करना चाहिए। संविधान में किसी  अप्रचलित प्रावधान को बदलने या संशोधित करने  देश का कोई भी नागरिक इस संसोधन के  लिए अदालत में याचिका डाल सकता है। कुछ विशेष प्रावधानों के द्वारा संविधान में आसान तरीके से संसोधन किया जा सकता है किन्तु कुछ प्रावधान कठोर भी हैं जिनमें संसोधन के लिए अनेक संसाधनों के साथ साथ बहुत समय की भी आवश्यकता होती है। वर्तमान समय तक संविधान में अनेक संसोधन हो चुके हैं।

अनेक विविधताओं के साथ भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है।  यहाँ किसी धर्म या जाति  के साथ कोई भेदभाव किये बिना सबको समान अधिकार दिया जाता है।  प्रत्येक व्यक्ति अपने धर्म के अनुसार त्यौहार मनाना या कोई अन्य आयोजन करने के लिए स्वतंत्र है। यहाँ तक की संविधान में जनता को प्रत्येक ५ वर्ष में अपना प्रधानमंत्री या मुखिया चुन ने का भी अधिकार है जिस से देश में तानाशाही जैसी स्थिति न आये।

उपसंहार

विभिन देशों के संविधानों का अध्यन करने के बाद भारतीय संविधान का निर्माण हुआ।  इसमें अन्य देशों के अच्छाईयों को समाहित किया गया। भारतीय संविधान को दो भाषाओँ हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में हाथ से लिखा गया है। भारतीय संविधान के निर्माण में लगभग एक करोड़ रूपये का खर्च लगा था।  संविधान में सबको समान अधिकार तथा सबको समान कर्तव्य मिले हैं , इसमें किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है , जहाँ अपराध करने पर कठोर दंड का प्रावधान है वहीँ सम्मानीय या साहसिक कार्य करने पर पुरस्कार देने का भी प्रावधान है।  यह भारत में 26 नवंबर को सरकारी तौर पर मनाया जाने वाला विशेष कार्यक्रम है।

लोगों में संविधान के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए ही भारत सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया। इसके अलावा संविधान को बनाने में  डॉ अंबेडकर ने अनेक चुनौतियों का सामना किया इसलिए यह दिवस और भी महत्वपूर्ण है। भारतीय संविधान की यही सब बातें इसे विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान बनाती हैं।