बादल पर निबंध – Essay on Clouds in Hindi

इस पोस्ट में बादल पर निबंध (Essay on Clouds in Hindi) के बारे में चर्चा करेंगे। बादल आसमान की खुबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं और पृथ्वी पर मौसम को वातानुकुलित रखते हैं। यह लाल भूरे और सफेद रंग के दिखाई देते हैं। बादल पानी की बूँदो और बर्फ के क्रिस्टल के संग्रहों से बने हुए हैं।

समुद्र, झीलों तालाब आदि से भाप बनकर उठे पानी से बनते हैं। यह 1-1.5 किलोमीटर तक लंबे चौड़े हो सकते हैं और इनका वजन 500 किलो तक हो सकता है। जब बादल ज्यादा भारी हो जाते हैं तब वर्षा होती है। बादल मौसम के बारै में ग्यात करने में सबसे ज्यादा सहायक है। भूरे रंग के बादल तुफान के आने का संकेत देते हैं।

उदाहरण 1. बादल पर निबंध – Essay on Clouds in Hindi

बादलों को बहुत सी जगह पर शुभ भी माना जाता है। बादल किसानों के लिए खुशी का संकेत है क्योंकि ये वर्षा करवाने में सहायक है। सूर्य की किरणों के कारण बादल सफेद रंग के दिखाई देते हैं।

बादल चार प्रकार के होते हैं सीररस बादल, क्युमुलस बादल, स्ट्ररस बादल और नीम्बो स्ट्ररस बादल। सीररस बादल आसमान में बहुत ही ऊँचाई पर उड़ते हुए नजर आते हैं। क्युमुलस बादल नीचे तैरते हैं और यह कपास की तरह दिखाई देते हैं। स्ट्ररस और निम्बो स्ट्ररस बादल आसमान में ज्यादा ऊँचाई पर नहीं होते हैं। बादल विभिन्न आकृति बनाते हुए प्रतीत होते हैं।

बादल दोपहर के समय में सफेद और सुबह और शाम के समय लाल रंग के प्रतीत होते हैं। कई बार जब दो भारी बादल एक दुसरे से या फिर किसी पहाड़ी से टकरा जाते हैं तो भारी बारिश होती है जिसे बादल का फटना कहा जाता है और यह एक प्राकृतिक घटना है। बादल के फटने से बाढ़ और भूकंप आने के अवसर पढ़ जाते हैं।

सबसे ज्यादा बादल दुनिया में अंटार्टिका हिंदमहासागर के उपर दिखाई देते हैं। हल्के हल्के सफेद बादल तो हमेशा ही आसमान में दिखाई देते हैं और वह सभी के मन को मोह लेते हैं।

उदाहरण 2. बादल पर निबंध – Essay on Clouds in Hindi

बादल Clouds पानी की छोटी बूंदों और बर्फ के क्रिस्टल का संघटन होता है। महासागरों और नदियों का जल भाप बनकर आसमान में उड़ता है। सूर्य की अत्यधिक गर्मी के कारण जल भाप में बदल जाता है। यह भापित जल धूल के कणो के साथ मिलकर बादल का रूप ले लेता है। बादलों में जल की छोटी छोटी बूंदे होती है।

बारिश के बादलों को काली घटाए भी कहते है। सूर्य का प्रकाश भी इन घने बादलों के पार नही जा पाता है। जब बादल आसमान को अपनी घटाओं से ढक लेते है, तब मौसम हल्का अंधकारमय हो जाता है।

बादल अलग अलग रंगों के होते है। ये काले, लाल, भूरे और सफेद रंग के हो सकते है। जब बादलों पर सूर्य की सीधी रोशनी पड़ती है, तब बादल का रंग सफेद होता है। बारिश के बादल हल्के या गहरे काले होते है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बादलों का रंग लाल होता है।

बादल की जानकारी – Information About Clouds In Hindi

Clouds मुख्यतः चार प्रकार के होते है। पहला प्रकार “सिरस बादल” का होता है। इस प्रकार के बादल आसमान में काफी ऊंचाई पर होते है। ये बर्फ के क्रिस्टल से बनते है। दूसरा प्रकार “क्युमुलस बादलों” का होता है।

ये बादल आसमान में काफी कम ऊंचाई पर होते है। तीसरा प्रकार “स्ट्रेट्स बादल” का होता है। ये बादल काफी नीचे होते है। चौथा और अंतिम प्रकार “निम्बो स्ट्रेट्स” बादलों का होता है। ये बादल वर्षा के होते है और काले या भूरे रंग के होते है।

बादल वर्षा के जल को महासागरों से धरती के विभिन्न हिस्सों तक ले जाते है। जहा मर्जी होती है, वहाँ बरसते है। जमीन से बादलों को देखने पर ये छोटे से प्रतीत होते है लेकिन वास्तव में ये आकार में बहुत विशाल होते है। इनकी विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ये एक पहाड़ जितने बड़े हो सकते है।

बादल का वजन भी कई सौ टन हो सकता है। बादल इतने भारी होने के बावजूद धरती पर क्यों नही गिरते है? इसका मुख्य कारण बादल में मौजूद पानी की बूंदे होती है। ये बूंदे 1 माइक्रोन साइज जितनी छोटी होती है। इतनी ज्यादा वजन में हल्की होने के कारण इन पर ग्रेविटी कार्य नही कर पाती है।

किसी भी जगह पर बहुत ही कम वक्त में 4 इंच से भी ज्यादा बारिश हो जाये तो यह बादल फटना कहलाता है। बादलों Clouds की रफ्तार बहुत तेज होती है। ये एक जगह से दूसरी जगह जाने में ज्यादा समय नही लगाते है। बादलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में हवा की दिशा और बहाव सहायक होता है। ऐसा नही है कि बादल केवल पृथ्वी ग्रह पर ही है।

ये अन्य ग्रहों पर भी मिलते है लेकिन ये बादल पानी के नही होते है। जैसे शुक्र ग्रह पर पाये जाने वाले बादल सल्फर ऑक्साइड के होते है। दोस्तो आपने बादलों के फटने के बारे में सुना होगा। यह एक प्राकृतिक क्रिया होती है या एक तरह की बहुत भारी बारिश।

उदाहरण 3. बादल पर निबंध – Essay on Clouds in Hindi

बादल सूक्ष्म पानी की बूंदों और बर्फ के महीन क्रिस्टलों का संग्रह है जो हवा में तैरता है। ये लाखों कणों से बने होते हैं ये लाखों छोटे कण वे जल की बूँदें है जो महासागरों, झीलों, नदियों आदि के पानी के भाप बनने से बनी हैं।

बादल आने वाले मौसम के बारे में सबसे सटीक भविष्यवाणी करने में सहायता करते हैं। तूफानों के पहले कुछ विशेष प्रकार के तूफ़ान दिखाई देते हैं जिसकी सहायता से आसानी से तूफ़ान का अनुमान लगाया जा सकता है।

तूफान के बादल अक्सर भूरे रंग के होते हैं क्योंकि वे इतने घने होते हैं कि ज्यादातर सूर्य का प्रकाश उनके पार नहीं जा पाता हैं। बादल पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखने में सहायता करते हैं। बादल विभिन्न रंगों में पाए जाते हैं जैसे लाल, भूरे, सफ़ेद आदि।

बादलों के रंग कई बार सूर्य की रौशनी से भी प्रभावित होते हैं। पर सूर्या की सीढ़ी रौशनी पड़ती है तो सफ़ेद बादल होते हैं वहीँ सुबह और शाम के वक़्त लाल बादल अधिक दिखाई देते हैं। ये वर्षा कराने में सहायक होते हैं। यह पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाते हैं और वर्षा करते हैं। बादल का एक और रूप है और वह है कुहरा। सर्दियों में कुहरा देखने को मिलता है।

यह भी पानी और हिमकणों की छोटी-छोटी बूंदों से मिलकर बना होता है। कुहरे से सर्दियों में दृश्यता काम हो जाती है। भाषा के विकास में भी बादलों का अपना महत्त्व है। इनको लेकर बहुत सी कहावतें बनायीं गई हैं जैसे “जो गरजते वो बरसते नहीं”,बिन बादल बरसात” आदि। बादल आकार में बहुत विशाल होते हैं। छोटे से छोटा दिखने वाला बादल कई पहाड़ों से विशाल और 500 टन वजनी हो सकता है।

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