कैंसर पर निबंध – Essay on Cancer in Hindi

इस कथन से तो आप और हम भली भाँति परिचित हैं की कैंसर एक जानलेवा रोग है किंतु क्या आप जानते है यह कैसे होता ह? आईये एक नज़र डालते हैं। हमारे शरीर में अनेक कोशिकाऐं (cells) हैं जिनकी निरंतर वृद्धि तथा नाश होता रहता है।

कैंसर पर निबंध – Long and Short Essay on Cancer in Hindi

यह एख अति नियंत्रित प्रक्रिया होती है। किंतु झब कभी यह प्रक्रिया नियंत्रण से बाहर हो जाये तब कोशिकाओं के घटनें तथा बढ़ने में बदलाव आ जाते है। शरीर के कोशिकाओं में अनियंत्रित रूप से विकास तथा शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने की क्षमता आ जाती है। इसे हम उत्परिवर्तन कहते है।

उत्परिवर्तन क्या है तथा इसका कैंसर से संबंध- क्या आप यह जानते है की मानव शरीर जितना हम जानते हैं उससे कई अधिक अनोखे ढंग से बना है हमारें शरीर के कोशिकाओं के भीतर जो कछ है उसकी सूची कुछ इस प्रकार है-
कोशिका
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नाभिक
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आनुवंशिक सामाग्री
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जीन

यह जीन आनुवंशिक सामाग्री के ईकाई (unit) है। यहीं पर प्रोटीन निर्माण का कार्य होता है। यह जीन के आनुवंशिक सामग्री कई प्रकार के जटिल तत्वों (nucleotides) से बनी है। जब भी इस जीन के डी एन ऐ ( DNA) के किसी स्थान में परिवर्तन आता है तब उसे उत्परिवर्तन कहते है, जिससे कैंसर होने की संभावना होती है।

आर्बुद क्या है ?

अनियंत्रित रूप से बढ़ रही कोशिकाएं शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त द्वारा जाकर एक जुट हो आर्बुद तयार करती है।इसके फलस्वरूप उस स्थान पर कैंसर होता है। इस आर्बुद के दो प्रकार होते है-

  • 1.सौम्य आर्बुद- यह एक प्रकार का आर्बुद है जो कोशिकाओं के जुटने से आकार में बढ़ जाता है किन्तु इसमे शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने की क्षमता नही होती। अतः इस प्रकार का आर्बुद जानलेवा नही होता है। किंतु इससे पहले ये जानलेवा रूप ले इसे अस्त्रोपचार द्वारा शरीर से निकाल देने चाहिए।
  • 2.दुर्दम आर्बुद- इस प्रकार के आर्बुद कोशिकाओं के अनियंत्रित विभाजन से तैयार होकर शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैलने की क्षमता रखते है।इस प्रक्रिया को दुर्दमता कहते है। यह अत्यंत जानलेवा होता है अतः रोग के प्रारंभ में इसका पता चलना अति आवश्यक है,तभी इसका उपचार संभव है।दुनिया भर में लगभज 100 से अधिक प्रकार के कैंसर होते है जो मामेव शरीर को प्रभावित करते है। विज्ञान ने आज बहुत तरक्की कर ली है तब जाकर आज इस भयानक रोग का उपचार संभव हो पाया है। कैंसर के कुछ चरण हिट है जिनके अनुशार बीमारी का इलाज किया जाता है-
  • 1.यदि शरीर में कैंसर के होने का पता पहले से ही चल जाये तो रेडियो थेरेपी द्वारा इसका इलाज संभव है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे रेडिएशन किरणों के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को समाप्त किया जाता है। यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं को शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने से रोकती है।
  • 2.यदि कैंसर कोशिकाए अपने स्थान से शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने के लिए लिम्फ नोड्स में प्रवेश कर जाए कि इसे कैंसर का दूसरा या तीसरा चरण माना जाता है जिसे ठीक करने के लिए आमतौर पर रासायनोपचार प्रक्रिया का प्रयोग किया जाता है।
  • 3.यदि कैंसर कोशिकाओं का पता ,शरीर के अन्य भागों में फैलने के बाद पता चलता है तब स्तिथि अत्यंत गंभीर मानी जाती है। ऐसी स्तिथि में राशयनोपचार प्रक्रिया,हार्मोन थेरेपी तथा जैविक उपचार शामिल किए जाते है।

कैंसर के मुख्य कारण- अधिकतर कैंसर का कारण वातावरण होता है।शेष प्रतिशत हिमारे आनुवंशिक पर निर्धारित होते है।कैंसर के विशेषज्ञों का यह कहना है कि (60-70) प्रतिशत  कैंसर रोगियों को कैंसर होने का प्रमुख कारण उनकी जीवन शैली है।अतः अपनी जीवन शैली को हमे सदैव ही सही और नियंत्रित रखने चाहिए।

भारत में पाए जाने वाले कुछ प्रमुख कैंसर इस प्रकार है

फेफड़ों का कैंसर- इस प्रकार के कैंसर का प्रमुख कारण धूम्रपान हो सकता है। इसके लक्षण है खासी आना,सीने में दर्द,सांस लेने में तकलीफ आदि।

मुँह का कैंसर- यह एक भयावह रोग है और इसका भी मुख्य कारण तम्बाकू और गुटखा का सेवन है साथ ही धूम्रपान भी। इसके लक्षण है मुह में घाव, छाले,गर्दन दर्द आदि।

स्तन कैंसर- यह महिलाओं में होने वाला सांसे खतरनाक कैंसर है । इसे सबसे अधिक 43-46 वर्ष की महिलाओं में होता देखा गया है।इस प्रकार का कैंसर हॉर्मोन के बदलाव से होता है तथा रासायनिक एवं भौतिक प्रदार्थों द्वारा भी हो सकता है।

ऐसी और भी कई प्रकार के कैंसर पाए जाते है इनकी सूची बहुत लंबी है जो भौतिक, रासायनिक कारण अथवा कोशिकाओं के विभाजन के समय उतपन्न हो सकता है।

कैंसर से बचने के उपाय-जो बीमारियां जानलेवा होती है उनके उपाय ढूढने के स्थान पर बेहतर होगा कि हम उससे बचे जैसे अधिक पानी का सेवन करना,स्वस्थ आहार लेना,व्यायाम करना, हर सब्जियों का सेवन आदि। कैंसर विशेषग्यों के अनुसार लगभज 65 से 70% कैंसर के होने कारण जीवन शैली है जिससे प्रयास द्वारा नियंत्रित करके बचा जा सकता है।