आन्ध्र प्रदेश पर निबंध – Essay on Andhra Pradesh in Hindi

इस पोस्ट में आन्ध्र प्रदेश पर निबंध (Essay on Andhra Pradesh in Hindi) के बारे में हम बात करेंगे। आंध्र प्रदेश भारत के 29 राज्यों में से एक है और यह भारत का आठवां सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य में सबसे बड़े शहर विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा हैं। 2 जून 2014 को, आंध्र प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी भाग को एक नया राज्य तेलंगाना बनाने के लिए अलग किया गया था।

आन्ध्र प्रदेश पर निबंध – Essay on Andhra Pradesh in Hindi

आंध्र प्रदेश काकतिया वंश, रेड्डी राजवंश, विजयनगर साम्राज्य और मुगल शासन के नियंत्रण में था। औपनिवेशिक युग की शुरुआत में, 1758 में चन्द्रती में अंग्रेजों और फ्रेंच के बीच एक बड़ी लड़ाई हुई, जिसके दौरान अंग्रेजों ने विजयनगर के महाराजा आनंद गजपति राजू को पराजित किया। 1792 में, महाराजा को पराजित करने के बाद अंग्रेजों ने इस क्षेत्र का अधिग्रहण किया।

स्वतंत्रता के बाद, हैदराबाद के निजाम को भारत से आजादी चाहिए, लेकिन उन्हें 1948 में भारत का हिस्सा बनना पड़ा। 1953 में, राज्यों के पुनर्गठन आयोग को भाषाई लाइनों पर आंध्र प्रदेश बनाने के लिए नियुक्त किया गया।

आंध्र राज्य तेलंगाना के तेलुगू भाषा क्षेत्र में विलय कर दिया गया था और 1965 में आंध्र प्रदेश बनाया गया था। यनाम 1963 में पुडुचेरी के साथ विलय कर दिया गया था और वर्तमान में आंध्र प्रदेश के जिलों में से एक है। इसके तुरंत बाद तेलंगाना आंदोलन शुरू हुआ और राज्य का विभाजन हुआ।

आंध्र प्रदेश के जिले

आंध्र प्रदेश के जिलों की सूचि निम्नलिखित तौर पर है, जैसे:

  • अनंतपुर
  • पूर्वी गोदावरी
  • चितूर
  • गुंटूर
  • कडापा
  • नेल्लोर
  • प्रकामस
  • विशाखापत्तनम
  • कुरनूल
  • कृष्णा
  • श्रीकाकुलम
  • विजयनगरम
  • पश्चिम गोदावरी

आंध्र प्रदेश की भाषा

तेलुगू आधिकारिक भाषा है और आबादी के अधिकांश लोगों द्वारा बोली जाती है हालांकि, ज्यादातर शिक्षित लोग हिंदी और अंग्रेजी बोलने में सक्षम होंगे।

आंध्रप्रदेश राज्य में बहने वाली प्रमुख नदियाँ

आंध्र प्रदेश राज्य दो प्रमुख नदियों के बीच में है और वे गोदावरी और कृष्ण हैं। गोदावरी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उड़ीसा के माध्यम से भी बहती है। पेनेर, तुंगभद्रा, वामसाधरा, मनजीरा, नागावली, स्वर्णमुजजी, प्राणहिता आदि जैसी अन्य छोटी नदियां हैं। आंध्र प्रदेश के अन्य नदियों की सूचि निम्नलिखित तौर पर है, जैसे के:

  • गुंडालकम
  • सिलेरू
  • एर्राकालुवा
  • हगरी
  • कुंडू
  • चित्रावती
  • चंपावती
  • पालार
  • स्वर्णमुखी
  • पापगानी
  • गोस्थानी
  • सबरी
  • सारदा
  • चेय्युरु
  • अरनी

आंध्र प्रदेश राज्य की संस्कृति और परंपरा

दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में इतिहास काल में चोल, चालुक्य, गजपति साम्राज्य, सातवाहन, रेड्डी, काकतीय वंश, बुक्क वंश का आधिपत्य रहा है, जहाँ पर ऐतिहासिक दस्तावेजों और सबूतों से ये साफ पता चलता है के ये राज्य आर्थिक और सामाजिक दृष्टी से समृध्द था।

राज्य में हिंदू, मुस्लिम, बौध्द, जैन, ख्रिश्चन, सिख आदि धर्मो के लोगो का अधिवास प्रमुखता से देखने को मिलता है। राज्य में विभिन्न जनजातियाँ भी आम तौर मौजूद है जिसमे लंबादास, बोडो गड़ाबा, बोंडा पोराजा, खोंड पोरोजा, गुटोब गड़ाबा, चेंचू, पारंगिपिरेजा,कुत्तिया कोंढ़स, कोंडा सवरास इत्यादि जनजातियाँ प्रमुखता से शामिल है।

राज्य की प्रमुख आधिकारिक भाषा तेलुगु होने के कारण इस राज्य के अंतर्गत बोलीचाली में सर्वाधिक लगभग इसी भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। आंध्र प्रदेश में सभी धर्म के त्यौहार के साथ विशिष्ट जनजातीय मान्यताओं के अनुसार उनके त्यौहार और रस्म परंपराओ को भी पूरा कर खुशहाल जीवन जिया जाता है।

आंध्र प्रदेश के लोगो की वेशभूषा

राज्य में पुरुषो का प्रमुख परिधान धोती और कुर्ता होता है, जिसमे बहुत बार कुर्ता और लुंगी भी पहनने का चलन यहाँ पर है। शहरो में शर्ट, टी शर्ट और लुंगी भी आम तौर पर पहना जाता है, वही महिलाओ में मुख्यतः साड़ी और लंगा वोनी नामक वस्त्र प्रकार भी पहना जाता है।

आदिवासी जनजातियों के महिलाओ में लंबे स्कर्ट के जोड़ी के साथ ब्लाउज और सिर ओढ़ने हेतु दुपट्टा भी पहना जाता है। आजकल अधिकतर महिलाए सलवार कमीज और पश्चिमी वेशभूषा में आम तौर पर राज्य अंतर्गत पायी जाती है, वही शहरो में पुरुष साधा पैंट, शर्ट, टी शर्ट, जींस पैंट, कोट सूट इत्यादि भी पहनते है।

आंध्र प्रदेश राज्य के लोगो का प्रमुख भोजन

इस राज्य के लोग अधिकतर तिखा व्यंजन खाने के शौक़ीन होते है, जिसमे शाकाहारी और मांस दोनों भोजन प्रकार मसालेदार, तिखे होना इनकी प्राथमिकता होती है।

चावल और चावल से बने पदार्थ यहाँ अधिक मात्रा में खाये जाते है जिसमे पुलिहोरा नामक व्यंजन यहाँ काफी पसंदीदा है, इसके साथ दोसा, इडली, वडा सांबार इत्यादि चावल से बने व्यंजन इनके रोज के भोजन में आम तौर पर शामिल होते है।

चटनी, अचार, पापड़, सलाद इत्यादि यहाँ प्रमुखता से खाया जाता है, हैदराबादी बिरयानी इस राज्य में काफी ज्यादा प्रसिध्द है। माँस के पदार्थो में यहाँ चिकन करी, मटन करी, फिश करी इत्यादि प्रमुखता से खाया जाता है वही समुद्री तटवर्तीय इलाको में भात के साथ फ्राई मछली अधिक तौर पर खाई जाती है जिसमे रस्सम का भी इस्तेमाल किया जाता है।

अन्य पदार्थो में यहाँ चकना, दालचा, मूर्घका कोरमा कट्टी दाल इत्यादि सेवन किया जाता है, वही मीठे व्यंजनों में शीर कोरमा, बंधर का लड्डू, पुठारेक़ुलू, गाजर का हलवा इत्यादि बड़े चाव से खाया जाता है।

आंध्र प्रदेश की वास्तुकला और अन्य कलाएँ

Essay on Andhra Pradesh in Hindi: राज्य लकड़ी और पत्थर नक्काशी में अग्रणी है। कलामकारी, बिद्री, निर्मल चित्रों ने दुनिया भर में अपना नाम बनाया है। साड़ी और पोशाक सामग्री को छपाई के दौरान स्नानिक प्रिंट का उपयोग किया जाता है।

राज्य अंतर्गत प्राचीन मंदिरो का निर्माण सम्पूर्णतः द्रविड़ कलाशैली अनुसार बनाया हुआ देखने को मिलता है, इसके अलावा बौध्द स्मारक स्थल और मूर्तियों में भी द्रविड़ और मध्ययुगीन कालिन वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है।

इस राज्य के शासक चोल, चालुक्य और सातवाहन के काल में सर्वाधिक वास्तु शिल्प निर्मित हुए है, इसके अलावा विजयनगर के शासको द्वारा भी राज्य में अप्रतिम वास्तु शिल्प के अद्भुत नमूने निर्मित किये गए है। इनमे शामिल मंदिर, अमरावती शहर के प्रसिध्द वास्तु शिल्प, गुफाएँ, स्मारक स्थल, किले इत्यादि शामिल है।

आंध्र प्रदेश राज्य का संगीत और नृत्यकला

आंध्र प्रदेश राज्य की नृत्य और संगीतकला आदि काल से समृध्द और विशिष्ट है जो के राज्य का स्वतंत्र अस्तित्व आज तक कायम किये हुए है, बात करे राज्य अंतर्गत आनेवाले प्रमुख नृत्य प्रकार की तो ‘कुचिपुड़ी’ राज्य का परंपरागत नृत्य प्रकार है जिसको धार्मिकता के नजरिये से भी काफी ज्यादा महत्व प्राप्त है।

इसके अलावा आंध्रा नाट्यम, विलासिनी नाट्यम, बुर्राकथा, वीर नाट्यम, बुट्टा बोम्मलु, थोलू बोम्मालट्टा, लम्बाड़ी,अहिमसा, कोलताम, तप्पेटा गुल्लू आदि अन्य नृत्य प्रकार भी विभिन्न मौको पर किये जाते है।

राज्य में शास्त्रीय संगीत के साथ फ़िल्मी संगीत का भी बहुत ज्यादा चलन है, इसके अलावा लोकगीत यहाँ के ग्रामीण और जनजातीय इलाको में काफी ज्यादा पसंद किया जाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक मौको पर शास्त्रीय गीत संगीत अधिक तौर पर सुनना यहाँ पसंद किया जाता है, वही आजकल के आधुनिकता के युग में पश्चिमी गीत संगीत और नृत्यों का राज्य के शहरी विभागों में अधिक प्रचलन हुआ है।

आंध्र प्रदेश में शास्त्रीय संगीत के महान कलाकारों ने जन्म लिया है जिनमे मुथुस्वामी दिकस्तर, त्यागराजा और श्यामा शास्त्री शामिल है, इन्होने शास्त्रीय संगीत ना केवल समृध्द किया बल्कि विरासत के तौर पर संगीत की एक अलग नींव रखी।

शास्त्रीय संगीत निर्माताओं में यहाँ पर भद्रचल रामदासा, अन्नामाचार्य, क्षेत्रय्या नामके संगीतकार भी हुए।इस राज्य से गायक एस.पी बालसुब्रमण्यम, गायक संगीतकार देवी श्री प्रसाद इत्यादि भी काफी विख्यात हुए है।

आंध्र प्रदेश के त्यौहार

राज्य में दशहरा, दीपावली, श्री राम नवमी, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और महाशिवरात्री जैसे हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं। इसी तरह, मुस्लिम त्योहार जैसे कि बकर-ईद और ईद-उल-फितर और क्रिसमस और ईस्टर जैसी ईसाई त्यौहार भी उत्सुकता से मनाए जाते हैं। हालांकि, राज्य में उगाडी (मार्च-अप्रैल में तेलगू नए साल का दिन) और संक्रांति (जनवरी में) भी मनाया जाता है।

बाथकाम्मा तेलंगाना क्षेत्र के लिए विशेष है महीने के लंबे त्यौहार में, देवी बाथकाम्मा की मूर्ति की पूजा की जाती है और नदियों और झीलों पर तैरता है। वार्षिक पर्यटन घटनाओं में वीका उत्सव, डेक्कन महोत्सव, रायलसीमा खाद्य और नृत्य महोत्सव और लुंबिनी उत्सव।

आंध्र प्रदेश राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल

Essay on Andhra Pradesh in Hindi: आंध्र प्रदेश को भारत के कोह-नूर के नाम से जाना जाता है और इस खूबसूरत राज्य में आने के लिए कई जगह हैं। यह अपने समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों, नदियों, ऐतिहासिक स्मारकों आदि के लिए प्रसिद्ध है।

विशाखापत्तनम शहर में बहुत कुछ है, और यह केवल एक समुद्र तट का स्थान नहीं है, लेकिन इसमें सुंदर झीलें, गुफाएं, घाटियां और पहाड़ी पर्वतमाला भी हैं। इसमें कई समुद्र तट हैं जैसे कि आर।के। समुद्रतट, लॉसन्स बे बीच आदि। बोरा गुफाएं भी इस शहर के पास स्थित हैं और यह अपने मिलियन वर्षीय स्टैलाटाइट और स्टालागमीट गठन के लिए प्रसिद्ध है।

अरकू घाटी एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है जो जैव विविधता में समृद्ध है और इसमें कॉफी बागान और झरने हैं। यह एक सुंदर पर्यटन स्थल है जो हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। होर्स्ली हिल्स एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन भी है।

यात्रा करने के लिए स्थल झील गंगोत्री, पर्यावरण पार्क, हॉर्सली संग्रहालय और गली बांदा शामिल हैं।आंध्र प्रदेश भारत में सबसे बड़ा मीठे पानी के झीलों में से एक है जो कोलेरू झील है और यह कृष्ण और गोदावरी डेल्टा के बीच स्थित है। यह एक वन्यजीव अभयारण्य है और अंतर्राष्ट्रीय महत्व का है। यहां कई धार्मिक और तीर्थस्थल स्थलों हैं, जैसे कि तिरुपति हर साल लाखों श्रद्धालुओं द्वारा इस मंदिर का दौरा किया जाता है।

आंध्र प्रदेश राज्य पर्यटन के दृष्टी से काफी समृध्द राज्य है, जहाँ पर आपको विभिन्न ऐतिहासिक स्थल मौजूद है। ऐसेही कुछ प्रसिध्द ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता से समृध्द पर्यटन स्थलों की जानकारी यहाँ आप जान पायेंगे, जिसे निचे वर्णित किया हुआ है, जैसे के:

  • तालकोना वॉटर फॉल्स
  • उंडावल्ली केव्ज
  • बेलम केव्ज
  • ऋषिकोंडा समुद्री तट
  • कोंडाविडू फॉल्स
  • कैलासगिरी विशाखापट्टनम
  • आर के समुद्री तट विशाखापट्टनम
  • इंदिरा गाँधी जूलॉजिकल पार्क
  • विक्टोरिया म्युजियम
  • कोंडपल्ली किला
  • पुलिकत लेक
  • नेल्लापट्टू अभयारण
  • मेपड़ समुद्री तट
  • उदयगिरी किला
  • कांचीपुरम
  • हॉर्सले हिल्स
  • गुर्रमकोंडा किला
  • नल्लामाला जंगल
  • कुर्नूल किला
  • भगवान महावीर म्युजियम
  • कोठापटनम समुद्री तट
  • गोपुरम
  • डौलेस्वरम बैरेज
  • गोदावरी बोट ट्रैवेल्स – राजामुंद्री
  • अडोनी किला

हमारा भारत देश बहुत सारे खजाने से भरा हैं उसमेंसे एक हैं प्राकृतिक और नैसर्गिक ख़जाना। उसी तरह आंध्रप्रदेश उसी खजाने से भरा हुआ हैं। आंध्रप्रदेश को कोहिनूर की उपमा मिली हैं। निसर्ग प्रेमियों के लिए यह बहुत ही खास जहग साबित होंगी।

उम्मीद करता हु आपको आन्ध्र प्रदेश पर निबंध (Essay on Andhra Pradesh in Hindi) पर लिखे गये लेख पढ़ के पसंद आये होंगे। अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया पोस्ट पसंद आता है तो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले। अगर आप कुछ पूछना या जानना चाहते है, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर जाकर अपना सन्देश भेज सकते है. हम आपके प्रश्न का उत्तर जल्द से जल्द देने का प्रयास करेंगे। इस पोस्ट को पढने के लिए आपका धन्यवाद!