ईकॉमर्स को इंटरनेट कॉमर्स व इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के नाम से भी जाना जाता है। ईकॉमर्स यानी इंटरनेट व इलेक्ट्रॉनिक चीजों व सेवाओं के माध्यम से चीजों व सेवाओं का लेन देन करना। इंटरनेट के माध्यम से किसी भी प्रकार की चीजों व सेवाओं के लेन देन को ईकॉमर्स ही कहा जाएगा। सिर्फ किसी भी ऑनलाइन ऐप से सामान खरीदने से लेकर किसी ऐप पर सामान बेचना भी ईकॉमर्स का ही हिस्सा कहलाया जाता है व किसी ऐप की सेवाओं का फायदा लेना या किसी को अपने ऐप के माध्यम से सेवाएँ उपलब्ध करवाना भी ईकॉमर्स का ही हिस्सा है।
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ईकॉमर्स क्या है? Ecommerce Kya Hai
ईकॉमर्स की शुरुआत 1960 में हुआ था। 1990 के दशक में शुरू किए गए ऐप ebay व amazon के बारे में बिना बात किए ईकॉमर्स की हिस्ट्री सोचना असंभव ही है क्योंकि यह दोनों ही कंपनी उन में से एक कंपनी थी जिन्होंने पहली बार ईकॉमर्स के द्वारा पहली ऐसी कंपनी बनी जिन्होंने इंटरनेट ट्रांसेक्शन की शुरुआत की थी।
ईकॉमर्स के कार्य-क्षेत्र
ईकॉमर्स का हर व्यापार में कई कार्य-क्षेत्र हैं। भविष्य में ईकॉमर्स दिन प्रतिदिन के कामों में बहुत ही ज़्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। कुछ कार्य-क्षेत्रों के नाम नीचे दिए गए हैं:-
- Marketing, sales and sales promotions
- Pre-sales, subcontracts, supply
- Financing and insurance
- Commercial transactions – ordering, delivery and payment
- Product service and maintenance
- Co-operative product development
- Distributed co-operative working
- Use of public and privates services
- Public procurement
- Accounting and financial management
- Legal advices
- Automatic trading
ईकॉमर्स के प्रकार :- Types of Ecommerce
ईकॉमर्स के 6 निमंलिखित प्रकार हैं:-
- B2B
- B2C
- C2B
- C2C
- B2A
- C2A
B2B :- (Business to business)
ईकॉमर्स के इस प्रकार में खरीदने वाला व बेचने वाला दोनों ही business organisation से जुड़े होते हैं।
B2C :- (Business to consumer)
ईकॉमर्स के इस प्रकार में कंपनी खुद consumer को अपना प्रोडक्ट बेचती है और यह सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाला ईकॉमर्स है।
C2B:- (Consumer to business)
ईकॉमर्स का यह प्रकार B2C से बिल्कुल उल्टा है। इस ईकॉमर्स में consumer ही business organisation को प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान करती है।
C2C :- ( Consumer to consumer)
ईकॉमर्स के इस प्रकार में एक consumer अपना प्रोडक्ट दूसरे consumer को बेचता है इसका सबसे बाद उधारण OLX है।
B2A :- (Business to administration)
ईकॉमर्स के इस प्रकार को business to government ईकॉमर्स भी कहा जाता है। इस प्रकार में business organisation website के द्वारा government agency से सूचना का आदान प्रदान करती है।
C2A :- (Consumer to administration)
ईकॉमर्स के इस प्रकार को consumer to government ईकॉमर्स भी कहा जाता है। इस प्रकार में consumer तथा government agency के मध्य सूचना का आदान प्रदान वेबसाइट के माध्यम से किया जाता है।
ईकॉमर्स के लाभ:- Advantage of Ecommerce
- ईकॉमर्स का उपयोग हम दिन भर यानी 24 घंटे में कभी भी कर सकते हैं।
- कोई भी सामान हम घर बैठे बैठे ले सकते हैं।
- इसके उपयोग से हम अपना काम नेशनल व इंटरनेशनल मार्केट तक पहुँचा सकते हैं।
- किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले हम उसका रिव्यू पढ़ सकते हैं।
ईकॉमर्स के प्रभाव:-
ईकॉमर्स का समाज पर प्रभाव नीचे दिया गया है। :-
- ईकॉमर्स में इंटरनेट का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल करने वाला अधिकतर लोग युवा व छात्र हैं।
- ईकॉमर्स के कारण फोन का इस्तेमाल बढ़ने की वजह से कई अन्य डिजिटल उद्योगों में भी वृद्धि प्राप्त हुई है।
- ईकॉमर्स के इस्तेमाल से चीजें खरीदने पर डिस्काउंट व आकर्षक मूल्य भी प्राप्त होता है।
ईकॉमर्स व्यापार किसे कहते हैं? :-
इंटरनेट के माध्यम से होने वाली किसी भी व्यवसायिक गतिविधि को ईकॉमर्स व्यवसाय कहा जाता है। ईकॉमर्स व्यवसाय आज के ज़माने में काफी फैला हुआ है जो आने वाले समय में और भी बड़ा व फैलने वाला व्यवसाय होने वाला है। अपना काम नेशनल व इंटरनेशनल स्तर तक पहुँचने का यह एक बहुत ही अच्छा माध्यम है।
ईकॉमर्स व ईशॉपिंग के बीच अंतर :-
ईकॉमर्स इंटरनेट के द्वारा किए गए सभी business को चलाने का एक जरिया है जब कि ईशॉपिंग इंटरनेट पर किए जाने वाली सामान या माल व सुविधाओं की लेन देन को कहा जाता है।