सूली चढ़ाए जाने के बाद तीसरे दिन यीशु मरे हुए लोगों में से जी उठे बधाई हो बधाई हो। जी हां यही है ‘ हैप्पी ईस्टर’ का मतलब। या इसे कुछ यूं भी समझ सकते हैं कि मृतोत्थान यानि कि मरे हुओं में फिर से जी उठने को ईसाई धर्म के लोग ईस्टर दिवस के तौर पर मनाते हैं।
ईस्टर के बारे में पूरी जानकारी – Easter in Hindi
दरअसल ट्विटर पर हैप्पी ईस्टर जबरदस्त तरीके से ट्रेंड कर रहा है। लेकिन कई लोग इस गफलत में फंसे हैं कि आखिर होता क्या है हैप्पी ‘ईस्टर।’ ‘ईस्टर’ का मतलब ईस्टर शब्द की उत्पत्ति जर्मन के “ईओस्टर” शब्द से हुई हैं जिसका अर्थ देवी हैं। इसे ईसाई समुदाय के लोग वसंत की देवी तथा उर्वरता की देवी मानते हैं। जिससे प्रसन्न करने के लिए अप्रैल माह में उत्सव भी होते हैं। इस उत्सव को आज भी यूरोप में मनाया जाता हैं। क्या है ईस्टर संडे की कहानी 2 हजार वर्ष पूर्व यरुशलम के पहाड़ पर यहूदियों ने तथा रोमन गवर्नर ने ईसा मसीह को सूली (सलीब) पर चढ़ा दिया था। जिससे उनकी मौत हो गई। ऐसा माना जाता हैं कि यीशु की मौत होने के बाद इनके शव को कब्र में दफना दिया गया था।
लेकिन मृत्यु के तीन दिन बाद रविवार के दिन ईसा मसीह कब्र में से जीवित हो उठे थे। ऐसा भी माना जाता हैं कि आज भी यीशु की कब्र खुली हुई हैं। ईसा मसीह ने जीवित होने के बाद अपने शिष्यों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को अपने दर्शन दिए। कहा जाता हैं कि ईसा पुन:जीवित होकर किसी धर्म या जाति की स्थापना करने के लिए नहीं आये थे। बल्कि वो प्रेम और सत्य का सन्देश बाँटने के लिए आये थे।
कैसे मनाते हैं ईस्टर का पर्व
ईस्टर सन्डे को मनाने के लिए ईसाई समुदाय के लोग रात्रि को गिरजाघर में एकत्रित होकर मोमबत्ती जलाते हैं और पूरी रात ईसा मसीह का नाम लेकर तथा उनके द्वारा दिए गये सन्देश को याद करते हुए जागरण करते हैं। ईस्टर सन्डे के दिन सभी लोग सुबह फिर से एकत्रित होते हैं और गिरजाघर में सजी हुई मोमबत्ती जलाकर ईसा के पुन:जीवित होने की ख़ुशी मनाते हैं। ईसा की अराधना करते हैं और प्रभु भोज में शामिल होते हैं। भोज करने के बाद एक दुसरे को ईसा के दुबारा जीवित होने की शुभकामनाएं देते हैं।
ईस्टर सन्डे को मनाने के लिए ईसाई समुदाय की एक खास परम्परा भी होती हैं। इस दिन प्रभु भोज करने के बाद सभी लोग अपने घरों में सजी हुई मोमबत्तियां लाते हैं और उन्हें जलाते हैं तथा इन मोमबत्तियों को अपने रिश्तेदारों में तथा मित्रों में बाँटते हैं।
ईस्टर संडे ईसाई धर्म के लिए बहुत ही ख़ुशी का दिन होता है। ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह को नया जीवन मिला था इसी के ख़ुशी में ईस्टर संडे मनाया जाता है। ईसाई धर्म क्रिसमस की तरह ही ईस्टर संडे को मान्यता देते है। ईस्टर डे गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मनाया जाता है। ऐसा मना जाता है कि ईसा मसीह गुड फ्राइडे के बाद तीसरे दिन दोबारा जीवित हो गए थे। उसी दिन से ईसाई धर्म ईस्टर संडे मनाते आ रहें हैं। 2020 में ईस्टर डे 12 अप्रैल को मनाया जायेगा।
ईस्टर संडे इसलिए मनाया जाता है?
ईसाई धर्म के अनुसार यीशु मसीह को सूली पर लटका कर मार दिया था लेकिन यीशु मसीह तीन दिन बार पुनर्जीवित हो गए थे। यीशु मसीह के दोबारा जीवित होने की ख़ुशी में ईस्टर संडे मनाया जाता है। ईस्टर संडे के नाम से साफ पता चलता है कि यह ख़ुशी का दिन रविवार को ही मनाया जाता है। हर साल ईस्टर संडे की तारीख में बदलाव होता रहता है। यह एक निश्चित तारीख को नहीं मनाया जाता है। 2019 में ईस्टर संडे 21 अप्रैल को मनाया गया था वहीं 2020 में 12 अप्रैल को मनाया जायेगा।
ईस्टर संडे का महत्त्व
ईसाई धर्म ईस्टर संडे को बड़ी ही धूमधाम से मनाते है। ईस्टर संडे के समय चर्चो को काफी अच्छी तरह से सजाया जाता है। ईसाई धर्म के लोग चर्च और घरों में मोमबत्तिया जलाते है। विशेष तौर पर ईस्टर संडे को क्रिसमस जैसा ही मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के दिन नए जीवन का संदेश देते है इसके अलावा लोग एक दूसरों को गिफ्ट देते है। माना जाता है कि ईस्टर डे के दिन बाइबल का पाठ पढ़ने से मन को शांति मिलती है। इसलिए ईसाई घर्म के लोग ईस्टर संडे को बाइबल का पाठ करते है।
ईस्टर संडे के पीछे कहानी
बताया जाता है कि हजारों साल पहले यरुशलम के पहाड़ पर यहूदियों ने ईसा मसीह को सूली पर लटका दिया था। जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी। ऐसा बोला जाता है कि ईसा मसीह की मौत के बाद तीसरे दिन दोबारा जीवित हो गए थे। ईसाई धर्म के लोग उस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के कारण ईस्टर संडे बनाते है। ईसा मसीह दोबारा जीवित होने के बाद अपने शिष्यों के साथ 40 दिन तक रहकर हजारों लोगों को अपने दर्शन दिए और उसके बाद ईसा मसीह स्वर्ग चले गए।
ईस्टर संडे की 10 महत्वपूर्ण बातें :
- ईस्टर संडे हर साल अलग – अलग तरीकों को मनाया जाता है। ज्यादा तर ईस्टर संडे मार्च या अप्रैल महीनें में मनाया जाता है।
- ईस्टर संडे ईसा मसीह के दोबारा जीवित होने की ख़ुशी में मनाया जाता है।
- ईस्टर संडे के दिन चर्चो को काफी अच्छी तरह से सजाया जाता है।
- ईसाई धर्म के ईस्टर संडे के दिन चर्च और घरों को मोमबत्तियों से रोशन करते है।
- ईस्टर संडे पर अंडे का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। ईसाई धर्म के लोग अंडे को बेहतरीन तरह से सजाकर एक दूसरों को गिफ्ट करते है।
- ईस्टर डे पर नए जीवन का संदेश दिया जाता है।
- ईस्टर पर्व का जश्न पुरे 40 दिनों तक चलता है। लोग इस जश्न को बड़ी धूमधाम से मनाते है।
- ईस्टर संडे गुड फ्राइडे के तीसरे दिन मनाया जाता है।
- ईस्टर संडे पर बुराई पर अच्छाई की जीत मानी जाती है।