दर्द भरी शायरी – Dard Bhari Shayari in Hindi
आखे नम है दिल भी उदास है
लौट आ बस एक बार तू
देख तेरे बिन हुआ क्या मेरा हाल है
कशिश शर्मा
वादों को अपने वो कुछ यु तोड़ गया
दुनिया की भीड़ में मुझे यु तनहा छोड़ गया
शिकायते नही मुझे उससे अब
बस था कोई जान से प्यारा जो
हमे बेजान बना कर छोड़ गया
कशिश शर्मा
मोहब्बत में ये सजा भी मंजूर की हमने
उसकी एक जलक देखने के लिए
सारी हदे पार की हमने क्या पता था
वो छोड़ जायगी इस तरह हमे
जिसके लिए हर अपने से दुश्मनी ले हमने
कशिश शर्मा
तेरी मोहब्बत ने कुछ यु सताया है हमे
रातो को भी न जाने कितना रुलाया है हमे
जाना ही था तो बता कर जाती , बिन बताये जा कर
जान बड़ा तडपाया है तूने
कशिश शर्मा
थी सच्ची मेरी मोहब्बत इसकी गवाही हर चीज़ दे रही है
ये आधी रातो का जागना , तेरी यादो में खुद को जीते जी मारना
ये तेरी तस्वीर पर गिरे मेरे अश्क, और ये बंद कमरे मे तनहा बैठा मैं एक शक्स
कशिश शर्मा
बड़ी मासूमियत से एक शख्स ने मेरा क़त्ल किया है
प्यार के नाम पर ये कैसा मेरा हस्र किया है
कितनी बेरहमी से मुझे अकेला किया है
न ही जान से मारा मुझे , न ही जिन्दा छोड़ा गया है
कशिश शर्मा
किसे सुनाऊ अब दर्द अपना
कोई मिलता ही नही मुझे मेरे जैसा
रातो को अक्सर ये राते ,तन्हाईयों में रोती है
जीने से ना जाने मुझे क्यों अब घुटन सी होती है
कशिश शर्मा
जो किया है तुमने हाल मेरा
न करना किसी और के साथ
नही मिलेगा तुम्हे हर शक्स मेरे जैसा
हर सितम के बाद भी मांगे जो बस साथ तेरा
कशिश शर्मा
दुनिया की हर रिवाजो को ठुकराया था मैंने
खुदा के बाद तेरे आगे ही तो सर झुकाया था मैंने
छोड़ कर जाना भी मुझे तेरा लाज़मी था
तुझे पाने की जिद में न जाने कितनो का दिल दुखाया था मैंने
कशिश शर्मा
बड़ी तड़प होती है जब जब तेरी याद आती है
न जाने तू मुझसे दूर कैसे रह पाती है
मुझे अब बस इंतजार है मौत का
देखना है अब ये भी अंजाम अपनी मोहब्बत का
मौत से पहले तू या तुझसे पहले मौत आती है
कशिश शर्मा
न करना मोहब्बत ये बड़ी बेहरम है
आ जाये मौत भी तो खुदा का रहम है
न जाने कितनो को इसने रुलाया है
जिन्दा हो कर भी मोहब्बत ने लोगो को
एक जिन्दा लाश बनाया है
कशिश शर्मा
न सोचा था मैंने कभी की वो पल भी आएगा
जिस पल तू मुझे यु तनहा कर जयेगा
जान जान कहने वाला शक्स ही मुझे
एक दिन बेजान बना कर छोड़ जायेगा
कशिश शर्मा
जनता हु हजारो बंदिशे है तुझ पर ज़माने की
न होना तू उदास पर हर बंदिश को तोड़ कर मैं आऊंगा
जो आये तेरे आखो में कभी आशु , ऐसी हर वजह को मिटाऊंगा
हर दर्द से तेरे लडूंगा हर खुसी अपनी मैं तेरे नाम करूँगा
कशिश शर्मा
छोड़ने के लिए पकड़ा था तुमने हाथ मेरा
तो जरा पहले बता देते , तुम तो हो गये किसी और के
हमे भी तो गैर हो जाने का मौका देते
यु सच्ची मोहब्बत करने का हमे ये सिला तो न मिला होता
होना था अगर गैर तुझे तो तू काश मुझे कभी न मिला होता
कशिश शर्मा
देखा है मैंने अंधेरो को वो तलाश
टूटे दिल वालो की है करता
और सिखा है मैंने रौशनी से
उसकी चमक से हर झूठा चहरा है चमकता
कशिश शर्मा
तेरी बाते बड़ा सताती है जो तू कहती थी मुझसे
सुनो मुझे चूडिया बहुत भाती है
तू तो नही अब पास मेरे पर जान
तेरी वो टूटी हुयी चूड़ी मुझे आज भी रुलाती है
कशिश शर्मा
कैसा प्यार है ये खुदा समझ नही आता
जिसका ख्याल मुझे हर पल है सताता
क्या उसे ख्याल में भी मेरा ख्याल नही आता
कशिश शर्मा
तुझसे बिछड़ने के बाद आखे कितना रोई होगी
न जाने कितनी राते ये न सोयी होगी
काश तुझे भी अहसास मेरी तड़प का होता
तो तू भी मोहब्बत में मेरी तरह पागल होता
कशिश शर्मा
होठो पे हसी रखनी पडती है
आखो की नमी छुपाने के लिए
सब जान कर भी खमोशी रखनी पडती है
कुछ रिस्तो को बचने के लिए
कशिश शर्मा
न जाना छोड़ कर मुझे मेरी मौत से पहले
नही जी सकुगी मैं अकेले इस जालिम दुनिया में बिन तेरे
बस दे देना उस वक़्त तक तू साथ मेरा
जब गोद में हो तेरी सर मेरा और हो रही हो सांसे मुझसे जुदा
कशिश शर्मा