नागरिकता संशोधन बिल (CAB) क्या है? पूरी जानकारी

नागरिकता संशोधन बिल (CAB) क्या है इसकी जानकारी में आपको देने वाली हूँ CAB का पूरा नाम क्या होता है। सिटीजन अमेंटमेंट बिल। नागरिक संसोधन बिल के अंतर्गर 311  लोकसभा में बोट पड़े थे। राष्ट्रए की मोहर लगने के बाद इसका नाम पड़ा CAA . लोकसभा में नागरिक संसोधन बिल को 9 दिसंबर 2019 में पड़ा।राज्ये सभा में नागरिक संसोधन को 11 दिसम्बर 2019 को पास किया गया।  सबको ये पता है ही की 370 में बहुत बड़ा बदलाव किया गया था। बिभाजित कर दिया गया था केंदर शासित परदेसों में। मोदी को संसद में 1 और काम मिला जब मोदी ने नागरिकता संसोधन बिद्येयक में दोनों  सदनों को पारित कर दिया।

नागरिकता संशोधन बिल (CAB) क्या है? (Citizenship Amendment Bill)

ऐसा करे पर बिरोध भी हो रहा है। सब सोचते होंगे की किउ हो रहा है बिरोध। अगर ये पारित कर दिया गया है। सिगनेचर कर दिया तो अब लोग किउ बिरोध कर रहे है ऑब्जेक्शन किउ कर रहे है इसका। बिबाद बहुत अधिक बाद चूका है। किउ बढ़ा तो मई आपको बताना कहूंगी हमारे जो पडोशी देश बढ़ गया है। पडोशी देश जो है वो भारत में आये सरन के लिए। हमारे पडोशी देश बहुत है जैसे पाकिस्तान चीन अफगानिस्तान नेपाल भूटान म्यांमार हो गया उसके निचे सके निचे बांग्लादेश हो गया श्री लंका हो गया। ये मत सोचिये इन देशो की बात की जा रही है सिर्फ बस ३ देश की बात कर रहे है हम। सोचिये जिसमे मुस्लिम बहुसंखक देश है।

पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश। मुद्दा तो बैसे भी मिल गया पार्टी को आप ये सोचो केबल आप इनकी ही बात किउ कर रहे हो। इन देश को छोड़ कर सबको सरे देशो को किउ अलग रखा गया।कहना तो ये है की जो इन तीन देशो में से हिन्दू सिख एशयई बोध जेन परषि इन देशो को तो हम दर्जा देंगे पर मुस्लिम को दर्जा नहीं दिया जायेगा।

मुस्लिम को शामिल नहीं किया गया। लोगो ने इस चीज पर ऑब्जेक्शन उठाया की मौलिक अधिकार हमारे देश में दिए गए है इसमें तो कोई रोक टोक नहीं होनी चाहिए। हर जगह उनको समानता मिलना चाहिए। यह पर सब धरम एक समान है यहां कोई अलग नहीं है हमारा देश बहुत संखक देश है हमारे देश में अनेकता में एकता है। ऐसे में मुस्लिम को ही किउ छोड़ दिया गया। ऐसे में लोगो का कहना है की उनकी मौलिक अधिकार को चीन जा रहा है ऐसे हमे वो कहते है की सुप्रीम कोट जायेंगे।

नागरिकता संशोधन बिल क्या है?

नागरिक संसोधन पर आज कल बहुत चर्चाये है। बुड्येक पर एक कानून बन चूका है। राजपाट कोबिद ने इस पर हस्ताक्षर कर दिया है। लोक सभा राजयसभा में ये बिल पास हुआ था। फिर रस्त्र्ये पति ने हस्ताक्षर कर दिया फिर ये कानून बन चूका है। बहुत सरे लोग अभी भी ऐसे है जो नहीं जानते ये क्या है। इससे समझने के लिए हमे हिस्ट्री को समझना होगा। 1955 में इसमें कॉम भारत के नागरिक होंगे। इनको नागरिकता मिलेगी इस पर एक कानून था। इसमें लगभग 5 बार संसोधन हुआ।

पहला संसोधन हुआ 1992 में हुआ। दूसरा 2003 में हुआ। तीसरा 1986 चौथा 2005 में हुआ और फिर आखरी जो हुआ वो हुआ 2015 में हुआ था।अब फिर संसोधन  के बाद अब ये कानून हो चूका है। ये तीन भारत के पडोशी देश बांग्ला देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान ये जिनसे भारत की सिमा लगती है ये ऐसे देश पाए जाते है। पाकिस्तान से सीधे तोर पर लगती बांग्ला देश से सीधे तोर पर लगती है। और जो पाकिस्तान कब्जे वाला कश्मीर है इसकी सिमा भी अफगानिस्तान से लगती यही। इन लोगो को वह पर कानून देने का ये कानून है।सोचा जाये तो अल्पसंख्यक देश कौन सा है ये तीनो देश इस्लामी देश है।

इनका अपना रस्त्र्ये धरम है मूल धरम है। यह पर आपको हिंदी सिख ईसाई बोध जैन। ये सब अल्पसंख्यक है। इनको नागरिकता देने का बात हो रहा है की इसमें मुस्लिम नहीं है। सब लड़ाईया सिर्फ इस बात की है की सब बात ये है की लड़ाई इस बात की है की ये सब इनको कहना है की मौलिक अधिकार लेना होता है इनको समान होता है।यह पर समानता की बात की गई है यहां पर धार्मिक आधार पर कोई भी भृद्भाब नहीं होगा।सबको यह एक जैसा अधिकार मिलेगा।ये जो बिल है वो धरम के आधार पर है। इसमें छ धरम को रखा गया है उसमे है ,सरे धरम रखे है पर मुस्लिम को नहीं रखा गया है साडी लड़ाई इसी बाद की है। अभी अगर ये त्यार हुआ है ये कानून लागु होगा तो अब प्रोसेसस होगा।अब तक भारत में आप 11 साल या उससे ज्यादा रहे हो।

तभी आप भारतीय नागरिकता के लिए आबेदन कर सकते हो। इन  देशो के लिए और देशो के फर्म के लिए। 6 साल कर दिया गया है। तो आप भारतीय नागरिकता है लिए आबेदन कर सकते हो। हमारा कानून एक चीज और बताता है जो लोग घुसपेठियो के साथ रह रहे है उनको कोई अधिकार नहीं है भारती नागरिकता की। इसको हम NRC से जोड़ कर देखते है ये है क्या। दरअसल NRC एक ऐसा रजिस्टर है जो ये बताता है कौन भारतीय नागरिक है और कौन नहीं है।

नागरिकता संशोधन (CAB) लागू होने के बाद क्या-क्या बदलाव होंगे?

नागरिकता संसोधन बिल अब 2019 एक कानून बन गया है। लोक सभा और राज्ये सभा पारित होने के बाद गोबिंद नाथ जी ने भी इसकी अभिलना नहीं की और इसको मंजूरी कर दी। जिसके बाद कानून बन गया। 8 जनबरी 2020 को लोकसभा से बिल पास भी हो गया था।16 के काम के तहत देखा गया की ये कानून रद्द हो गया। अब लेकिन न्य कानून  बनके सामने है। अब इसको बोलते इसमें पांच बार संसोधन किये गए। जो बिल है वो क्या है ये नागरिकता संसोधन अधिनियम।1955 में भारतीय नागरिकता अधिनियम एक कानून आया था। अब इसमें बिस्तृत से जानकारी प्राप्त होती है और होती थी।

बात अब ये है की भारत का जो अल्पसंख्यक देश है वो इन तीनो देश को अधिकार दिलाने की बात हो रही है। अब सोचा जाये तो अल्पसंख्यक देश है को। तीनो इस्लामी देश में आ जाते है। अब देखा जाये तो अल्पसंख्यक है कौन से देश है।अब का कानून और फैसला है की भारत के कानून मिलने में आसानी होगी अब इन तीनो देसो को। काननों के बनने से पाहिले इनको अबैध सरांरठी माना जाता था। इन तीनो देशो से आये हुए लोग हिन्दू सिख ऐसे बोध 31 दिसम्बर 2014 से पाहिले आये हुए लोगो को अबैध नहीं मन जायेगा। पाहिले भारत की नागरिकता लेने के लिए 11 साल रहना अनिबर्य था।

भारतीय गृहमंत्री अमित शाह इसे पेश करेंगे और इस मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी ने सोमवारभारतीय गृहमंत्री अमित शाह इसे पेश करेंगे और इस मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार से बुधवार तक के लिए ह्विप जारी कर दिया है। केंद्र की तरफ से इसे शीर्ष प्राथमिकता देते हुए इसे सदन में रखे जाने के दौरान सभी सांसदों को उपस्थित रहने को कहा गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल इसे पहले ही मंज़ूरी दे चुका है। इस विधेयक पर लोकसभा में काफ़ी गहमागहमी होने के आसार हैं। से बुधवार तक के लिए ह्विप जारी कर दिया है। केंद्र की तरफ से इसे शीर्ष प्राथमिकता देते हुए इसे सदन में रखे जाने के दौरान सभी सांसदों को उपस्थित रहने को कहा गया है।