काले धन पर निबंध – Black Money Essay in Hindi

आज हम एक ऐसे विषय पर बात करने जा रहे हैं। जिसके बारे में हर कोई और हर जगह वार्तालाप की जाती है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में घर से देखा चाय की दुकान न्यूजपेपर, मीडिया, राजनीतिक मामले और कहीं ना कहीं सभी जगह पर बात होती रहती है। और हम इसे “कालेधन” के रूप में जानते हैं। काला धन आज समाज में देश का बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है।

जो जानता है वह तो इसके बारे में बोलता ही है बल्कि जो नहीं जानता कुछ या जो लोग अनपढ़ हैं वह भी काले धन के बारे में चर्चा करते हैं। काला धन एक ऐसा विषय है जो पिछले कुछ सालों में बहुत ही ज्यादा विख्यात हो गया है। हमारे समाज में काले धन के बारे में बातें हो रही हैं मानो ऐसा लगता है जैसे हर कोई काले धन का एक्सपोर्ट हो। लेकिन जो व्यक्ति काले धन के बारे में चर्चा करता है और काले धन को खत्म करने का तरीका बताते हैं। उन्हें नहीं पता है कि वह भी काले धन का हिस्सा है। काला धन एक ऐसी व्यवस्था है जिसका कहीं ना कहीं हर व्यक्ति ऐसा बना हुआ है।

काले धन पर निबंध – Long and Short Black Money Essay in Hindi

काले धन का मतलब ऐसा पैसा या ऐसी मुद्रा जिस पर सरकार द्वारा कर लगाया गया हो और वह कर नहीं दिया गया है वह काला धन कहलाता है। अगर कोई यह पूछे कि काला धन किस-किस के पास है। तो इसका जवाब है कि काला धन हम सबके पास है। काला धन के प्रचार प्रसार में हर व्यक्ति का हाथ है। वह धन जो अवैध तरीके से अर्जित किया जाता है। काला धन कहलाता है।

आयकर, राज्य कर, निगम कर, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क सहित विभिन्न प्रकार के करों की चोरी ही काला धन कहलाती है। काला धन अवैध तरीके धन का संग्रह है। जिन धन के ऊपर आप कर का भुगतान नहीं करते वह सब काले धन के घेरे में आ जाते हैं।

काले धन के स्रोत

अब हम भारत में काले धन के कुछ कारणों पर चर्चा करते हैं। जो निम्न प्रकार से हैं।

  • भारत में ऐसी मजबूरी का भी नाम दिया जाता है क्योंकि भारत में कर की दर बहुत ही उच्च है। कर्तव्यो और टैक्सो में वृद्धि ने लोगों को काला धन संचयन के लिए मजबूर कर दिया है। इसीलिए भारत में इसे मजबूरी का नाम भी दिया जाता है।
  • भारत में कर मुक्त आय सीमा केवल ₹25000 है। ऐसे में इतनी महंगाई में इतनी कम मैं घर चलाना बहुत ही मुश्किल है। इसीलिए जिस पेशेवर की कमाई अधिक होती है। वह अपनी कमाई कम बता के कर चुराने की कोशिश करते हैं।
  • मूल नियंत्रण नीति द्वारा सरकार ने कुछ वस्तुओं पर विनियमित मूल्य तय कर दिया है। इस पर बाजार के चढ़ाव उतार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यह बहुत ही कठोर नीति है। खुदरा विक्रेताओं और निजी निर्माता में इसका फायदा उठाया है। काला धन इकट्ठा करते हैं।
  • आजकल लोग सस्ती कीमत पर वस्तुएं खरीद के और कीमत बढ़ जाने पर को बेचकर काला धन इकट्ठा करते हैं। यह आकर्षण व्यवसाय बन चुका है।
  • आज के टाइम में महंगाई ने सब की कमर तोड़ रखी है। ऐसे में हर कोई अधिक से अधिक धन इकट्ठा करना चाहता है‌ ताकि वह सभी सुख सुविधाओं का लाभ उठा सकें‌ और इसी लालच में लोग अवैध तरीके से धन अर्जित करते हैं। जो काला धन कहलाता है।

काले धन का प्रभाव

काले धन का प्रभाव सीधे देश की उन्नति पर बढ़ता है। टैक्स की चोरी करना का सीधा अर्थ है देश की उन्नति के लिए जो धन सरकार के खजाने में पहुंचना चाहिए था। वह नहीं पहुंच पा रहा है जिससे सरकार का खजाना नहीं भर पा रहा है। और हमारे देश में उन्नति के मार्ग नहीं खुल पा रहे हैं। काले धन का आसर केवल सरकार के आर्थिक स्थिति पर ही नहीं होता।

बल्कि इसके कुछ सामाजिक परिणाम भी होते हैं। काला धन इस बात का प्रमाण है कि यहां अमीर लोग अमीर होते जा रहे हैं और गरीब लोग गरीब होते जा रहे हैं। सरकार को पर्याप्त राजस्व नहीं मिल पा रहा है जिससे देश के विकास और गरीबी के लिए कुछ विशेष कदम नहीं उठाया जा रहा है।

निष्कर्ष

काले धन को खत्म करने के लिए सरकार ने बहुत सारे कदम उठाए हैं। हाल ही में मोदी सरकार द्वारा काले धन को खत्म करने की ओर एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। जिसे हम नोटबंदी के नाम से जानते हैं। नोटबंदी के समय हालांकि जनता को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन काले धन पर काफी हद तक काबू पाया गया।

काले धन को खत्म करने के लिए आज भी बहुत कुछ करने की जरूरत है अभी। यह कैसी समस्या है जिसको इतनी आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता है। फिर भी सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि काले धन को जल्द से जल्द खत्म किया जाए। और इस देश के नागरिक होने के नाते हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम अपना टैक्स समय से भुगतान करें।