लिवर को हम अपनी भाषा में जिगर कहते है। यह शरीर का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथि होता है। यह हमारे शरीर के कई कार्यों को कण्ट्रोल करता है। लीवर दिक्कत होने पर शरीर कई अवयव के काम करने की कार्य क्षमता क्षीण हो जाती है।
लीवर का इलाज कैसे करे? Liver Ka Ilaj in Hindi
लीवर हमारी पेट के नीचे दाईं ओर होता है। लिवर खराब होने पर सही वक्त पर इलाज न होने पर समस्या बढ़ जाती है। लिवर का ख़राब होने के बड़े कारण धूम्रपान, शराब का सेवन, अधिक खट्टा, ज्यादा नमक का सेवन प्रमुख हैं।
लिवर खराब होने के प्रमुख कारण
सर्वप्रथम यह जानने की कोशिश करें कि लीवर खराब क्यों हुआ यह पता चलने पर हम उसका सही समय पर इलाज कर या करवा सकते हैं।
- दूषित माँस खाना, गंदा पानी पीना, मिर्च मसालेदार और चटपटे खाने का अधिक सेवन करना।
- पीने वाले पानी में क्लोरीन की मात्रा का अधिक होना।
- शरीर में विटामिन बी की कमी होना।
- घर की सफाई पर उचित ध्यान न देना।
- मलेरिया, डेंगू या टाइफाइड से पीड़ित होना।
- रंग लगी हुई मिठाइयों और ड्रिंक का इस्तेमाल करना।
- चाय, कॉफी, जंक फूड का सेवन अधिक करना।
- लिवर खराब होने के लक्षण
- लिवर वाली जगह पर दबाने से दर्द होना।
- छाती में जलन और भारीपन होना.
- भूख न लगने की समस्या, पेट में गैस का बनना।
- शरीर में आलसपन और कमजोरी का होना।
लीवर को स्वस्थ और सही रखने के घरेलू उपाय
- सुबह उठकर खुली हवा मे गहरी साँसे लें। सवेरे पैदल चले और चलते-चलते ही खुली हवा की गहरी साँसे लें इससे आपको बहुत फायदा मिलेगा।
- हफ्ते में सरसों की तेल की मालिश पुरे बॉडी में करें। मिटटी का लेप हफ्ते में एक बार पूरे बॉडी पर जरूर लगाये। आप हफ्ते में एक बार भाप का स्नान भी ले।
पपीता
पपीता का सेवन लीवर के उपचार में सबसे सहायक सिद्ध होता है रोजाना इसका उपयोग कम से कम 50 ग्राम हमें जोश के रूप में करना चाहिए।
हल्दी का उपयोग
हल्दी लिवर को स्वस्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इसमें विषाणु से लड़ने के पर्याप्त गुण होते है, और एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप भी में कार्य करती है। हल्दी की रोग निरोधक क्षमता हपेटिस ब और सी का कारण बनाने वाले वाइरस को बढ़ने से रोकती है। इसलिए हल्दी को अपने खाने मे शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध मे थोड़ी हल्दी मिलकर पिए।
सेब का सिरका का सेवन
सेब का सिरका, लिवर मे मौजूद विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में सहायता करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते है – एक गिलास पानी मे एक चमच सेब का सिरका मिलाए। या इस मिश्रण मे एक चमच शहद मिलाए। इस मिश्रण को दिन मे 2 से 3 बार लें।
आंवला
आवला में विटामिन सी मात्रा पर्याप्त होती है और इसका सेवन लिवर की कार्यक्षमता को बनाए रखने में सहायक होता है। एक शोध ने पता चला है कि आवला में लिवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद होते है। लिवर के स्वस्थ्य के लिए दिन मे 4-5 कच्चे आवले जरूर खाने चाहिए।
मुलेठी का सेवन
लिवर की बीमारियो के इलाज के लिए मुलेठी का उपयोग कई आयुर्वेदिक औषधि में किया जाता है। इसके उपयोग के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंडा होने पर छान लें। इस पानी को दिन में एक या दो बार जरूर पिएं।
अलसी के बीज
अलसी बीज हार्मोन को ब्लड में घूमने से रोकता है और लिवर के तनाव को कम करता है। सलाद में या अनाज के साथ आलसी के बीज को पीसकर इस्तेमाल करने से लिवर के रोगो को दूर रखने में मदद मिलती है।
पालक और गाजर का रस
पालक और गाजर का रस का संयुक्त यकृत सिरोसिस के लिए काफ़ी लाभदायक घरेलू उपाय है। पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पियें। लिवर की निर्माण के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार ज़रूर पिए।
लिवर का बचाव
लिवर का बचाव करने के लिए आपको निम्नलिखित निर्दोषों का सेवन करना चाहिए और और ऊपर बताई गई खाद्य वस्तुओं का सेवन करने भर से आप लीवर की समस्या से स्वस्थ हो सकते हैं ।कभी भी भोजन करते समय पानी का सेवन न करे और खाने के 1 घंटे बाद ही पानी पियें।
चाय, कॉफ़ी से दूर रहे। किसी भी तरह के नशीली चीजों का सेवन न करें। तले हुए खाने से दूर ही रहे। साथ ही जंक फ़ूड का सेवन न करें।
अनुलोम विलोम प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम को सवेरे जरूर करें। इन सभी बातों को ध्यान में यदि आप रखेंगे तो आप लिवर की बीमारी से बचे रहेंगे।
इस लेख के माध्यम से लीवर संबंधी जानकारी जैसे कि लीवर क्या है उसके खराब होने के क्या कारण हैं लीवर की सुरक्षा हेतु क्या उपाय होने चाहिए किस तरह का खानपान होना चाहिए दिन चर्या कैसी होनी चाहिए। इस प्रकार की निम्नलिखित बातें।