पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध – Essay On Environmental Pollution in Hindi

परिचय- पर्यावरणीय प्रदूषण को समझने से पूर्व यह समझना जरुरी है कि, पर्यावरण क्या है और हमें कैसे प्रभावित करता है। ‘‘हर्षकोविट्स’’ के शब्दों में- ‘‘पर्यावरण संपूर्ण वाह्य परिस्थितियों एवं प्रभावों का जीवधारियों पर पड़ने वाला सम्पूर्ण प्रभाव है जो उनके जीवन विकास एवं कार्य को प्रभावित करता है।

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध – Long and Short Essay On Environmental Pollution in Hindi

पर्यावरण प्रदूषण आज हमारे ग्रह पर मानवता और अन्य जीवन रूपों का सामना करने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। पर्यावरण प्रदूषण को पृथ्वी / वायुमंडल प्रणाली के भौतिक और जैविक घटकों के संदूषण के रुप में परिभाषित किया जाता है।

पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ होता है कि जब भी मिट्टी ,जल, वायु सभी प्राकृतिक तत्व जब दूषित होने लगे तब वहां पर्यावरण प्रदूषण माना जाता है ।पर्यावरण प्रदूषण संपूर्ण मानव जाति के लिए या फिर प्रकृति में रहने वाले संपूर्ण जीव जंतुओं के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होता है।

पर्यावरण प्रदूषण की वजह से प्रत्येक वर्ष लाखों-करोड़ों मनुष्य और जीव जंतु की मृत्यु होती है। पर्यावरण प्रदूषण कभी-कभी हमारे लिए इतना खतरनाक होता है कि वह किसी भी दूषित प्राकृतिक तत्व के इस्तेमाल करने के बाद तुरंत ही किसी भी जीव जंतु की मृत्यु हो जाती है।

सामान्य पर्यावरणीय प्रक्रियाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती हैं।  प्राकृतिक रूप से पदार्थ या ऊर्जा हो सकते हैं, लेकिन अधिक मात्रा में होने पर उन्हें दूषित माना जाता है। प्राकृतिक संसाधनों की किसी भी उपयोग प्रकृति द्वारा स्वयं को पुनर्स्थापित करने की क्षमता से अधिक होने पर वायु, जल और भूमि के प्रदूषण का परिणाम हो सकता है।

पर्यावरण प्रदूषण क्यों होता है?

वाहनों से

आज का युग एक आधुनिक युग है जहां पर वाहनों से अत्यधिक मात्रा में धुआं निकलते हैं जो हमारे वातावरण को गंदा बनाते हैं और प्रकृति को असंतुलित बनाकर मनुष्य को अलग-अलग प्रकार की बीमारियों से परिचित कराते हैं पर्यावरण प्रदूषण वाहनों से निकलने हुए दुआ से अत्यधिक प्रभावित होता है और यह हमारे वातावरण के लिए खतरनाक साबित होता है।

वाहनों से निकलते हुए धुए में अलग-अलग प्रकार की गैस मिली होती है जो मनुष्य को सांस लेने में दिक्कत कर सकती हैं। आज के इस आधुनिक युग में मनुष्य सबसे ज्यादा सांस लेने की बीमारी से परेशान होता है और इन सब का मुख्य स्रोत वाहनों से निकलने वाले धुए हैं।

केमिकल कंपनियां

पेड़ कटाई के बाद सबसे बड़ी वजह आती है, केमिकल कंपनीयों से फैलने वाला वायु प्रदूषण। मतलब ये कंपनियां जब चालू रहती है, तब इनके द्वारा हो रहे केमिकल के काम के वजह से शुद्ध वातावरण में घातक केमिकल की गैस फैल जाती है। केमिकल कंपनियों से निकले हुए कूड़े कचरे लैंडफिल को भरने के लिए उपयोग में लाया जाता है ।

परंतु यह हमारे लिए अत्यंत हानिकारक साबित हो सकते हैं क्योंकि अगर हम इसी प्रकार से कूड़े कचरे को लैंडफिल भरने के लिए इस्तेमाल किया जाए तो कल हम देखेंगे कि हमारे घर के पीछे एक लैंडफिल मिल जाएगा और यह भूमि को बंजर बना देता है जिससे हमारे जीव जंतुओं को अलग-अलग प्रकार की दुर्घटनाओं का सामना भी करना पड़ता है इसका नुकसान से हमारे मानव जाति को ही नहीं परंतु इस संसार में रहने वाले हर एक जीव को नुकसान पहुंचाता है।

निष्कर्ष

पर्यावरण वह परिवेश है जिसमें हम रहतें हैं।लेकिन प्रदूषकों द्वारा हमारे पर्यावरण का प्रदूषित होना पर्यावरण प्रदूषण है। पृथ्वी का वर्तमान चरण जो हम देख रहे हैं, वह पृथ्वी और उसके संसाधनों के सदियों के शोषण का परिणाम है।

इसके अलावा, पर्यावरण प्रदूषण के कारण पृथ्वी अपना संतुलन खो सकती है। मानव बल ने पृथ्वी पर जीवन का निर्माण और विनाश किया है। मानव पर्यावरण के क्षरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।