पोलियो एक बहुत ही घातक बीमारी है इसीलिए यह अनिवार्य है कि हर बच्चे को पोलियो की खतरनाक बीमारी से बचाने के लिए एक निश्चित समय अवधि और निर्देशित पोलियो की दवा और टीका का प्रदान किया जाए। इसी बात ध्यान में रखते हुए विश्व स्तर पर विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। ताकि हर छोटे 5 वर्ष के बच्चे को पोलियो के टीकाकरण और दवा के लिए लोगों में जागरूकता फैलाया जा सके। विश्व पोलियो दिवस के द्वारा लोगों को अपने बच्चों को पोलियो का टीका करण और दवा दिलाने के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि इस विश्व को पोलियो रहित बना सकें।
विश्व पोलियो दिवस पर निबंध – Long and Short Essay On World Polio Day in Hindi
पोलियो एक संक्रामक रोग है इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। पोलियो वायरस के द्वारा फैलता है। इसका वायरस के द्वारा शरीर के अंदर पहुंचता है। और आंतों को अधिक प्रभावित करता है। इस बीमारी को पोलियोमाइलाइटिस भी कहते हैं। इस बीमारी का असर ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलता है।
लेकिन इस समय अधिकतर देश इस बीमारी से मुक्त हो चुका है 2012 मुक्त घोषित कर दिया गया था।24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन पोलियो की वैक्सीन बनाने वाले टीम के प्रमुख जोनाक साकॅ का जन्म हुआ था। पोलियो की मात्र एक बूंदी रोगी के लिए बहुत ही असरदार साबित होती है। भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
पोलियो के लक्षण
पोलियो से ग्रस्त रोगी की जांच डॉक्टर द्वारा की जाती है। क्योंकि यार जाना भी जरूरी है कि 90 से 95 परसेंट रोगियों में पोलियो का किसी भी प्रकार का लक्षण नहीं देखने को मिलता है। इसीलिए विज्ञान की भाषा में इसे अलक्षणीय पोलियो कहा जाता है। और जिन 5,10 परसेंट रोगियों में लक्षण दिखाई देते हैं उनमें फ्लू बीमारी जैसे लक्षण होते हैं।
निष्कर्ष
विश्व पोलियो दिवस लोगों को पोलियो के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। केवल हमारे ही देश को नहीं बल्कि सभी देशों को पोलियो मुक्त बनने का प्रयास करना चाहिए। पोलियो एक संक्रामक रोग है। जो ज्यादातर बच्चों पर असर करती है। कीजिए 5 साल की उम्र तक हर बच्चों को पोलियो की दो बूंद अवश्य पिलाएं। हमारे एक छोटी सी लापरवाही की वजह से हम बच्चे की जिंदगी को खतरे में डाल सकते हैं। इसीलिए सब को पोलियो के प्रति सतर्क रहना चाहिए और याद से अपने बच्चों को पोलियो की बूंद अवश्य दिलाएं।