जन धन योजना पर निबंध – Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana Essay 250 Words

भारतवर्ष एक ऐसा देश है जहाँ की सरकार सदैव ही गरीबों की मदद के लिए अग्रसर रही है। पिछले कई वर्षों में सरकार ने गरीबों की मदद के लिये कई योजनाएं प्रारंभ की है, जिससे गरीबो को आर्थिक सुविधा की प्राप्ति हो सके। ‘महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (म.न.रे.ग)’, ‘प.एम गरीब कल्याण योजना’, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ जैसी बहुत सी योजनाएं सरकार ने गरीबों को मद्देनजर रखते हुए शुरू की है। ऐसी ही एक योजना है ‘जन धन योजना’ जिसे प्रधानमंत्री जन धन योजना भी कहा जाता है ।

जन धन योजना पर निबंध – Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana Essay 250 Words

जन धन योजना कि शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 28 अगस्त 2014 को की गई। इस योजना के अंतर्गत सभी भारतीयों को बैंक खाते से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया। 15 अगस्त 2014 में स्वन्त्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने जान धन योजना की घोषणा की थी परंतु इसकी शुरुआत 28 मई को हुई।इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगो (खासकर गरीब और निम्न आय वर्ग के लोग) के अंदर बचत की आदत डालना था ताकि कभी विपत्ति के समय लोग उस बची हुई राशि का उपयोग कर सके।

इस योजना के तहत व्यक्ति किसी भी बैंक जाकर जन धन एकाउंट खोलने के लिये आवेदन कर सकते है। इस एकाउंट को खोलने के लिए कुछ ज़रूरी दस्तावेज लगते है जैसे की पासपोर्ट फ़ोटो और पहचान पत्र के लिये आधार कार्ड या राशन कार्ड लगते है। इस एकाउंट की सबसे बड़ी खासियत यह होती है की इसमे व्यक्ति को अपने खाते में कोई भी नियुन्तम राशि रखने की पाबंदी नही होती है।

एकाउंट खुलते ही व्यक्ति को रुपए एटीएम कार्ड बैंकों द्वारा दे दिया जाता है जो की बिल्कुल निशुल्क होता है। इस एटीएम कार्ड के द्वारा व्यक्ति किसी भी क्षण अपने आर्थिक जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते है यानी उन्हें बार बार बैंकों की लंबी कतार में खड़े होने की आवश्यकता नही होती और नाही बैंको के खुलने व बन्द होने के समय पर निर्भर होना पड़ता है।

इसके अलावा प्रत्येक खाता धारक को ३०००० रुपये का जीवन बीमा कवर ( २६ जनवरी २०१५ से पूर्व खोले गए खातों के लिए) तथा एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर प्राप्त हो जाता है यांनी इसके लिए खाता धारक को किसी प्रकार का शुल्क देने या किसी अन्य दस्तावेज को भरने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इस खाते में  व्यक्ति को अपनी जमा राशि के ऊपर पाँच हज़ार रुपये का ऋण सरकार ने उपलब्ध करवाई है।

बैंको ने ग्रामीण और शहरी दोनो क्षेत्रों में सी तरह के खाता को खोलने की सुविधा प्राप्त करवाई है, इतना ही नही कई बैंक तो लोगो के घरों तक जा कर भी उन्हें ये सुविधा प्रदान करते है,जो की अत्यंत प्रसंसनीय कदम है। सरकार की योजना के अनुसार पहले दिन ही कम से कम एक करोड़ जन धन खाते खोलने का लक्ष्य तय किया गया था,

और इसका उद्देश्य २८ अगस्त २०१८ तक करीब ७.५ करोड़ चिन्हित परिवारों में दो खाते प्रदान करना था। इसके पश्चात कोई निश्चित संख्या नहीं दी गयी किन्तु उद्देश्य तब भी यही था की ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इस योजना से जोड़ा जा सके। जन धन योजना का एक स्लोगन भी सरकार द्वारा तैयार किया गया है- ‘ मेरा खाता भाग्यविधाता’ जिसका अर्थ है अगर कोई गरीब भाई बहन अपने मेहनत की कमाई का कुछ हिस्सा इस खाते में जमा करते है तो भविष्य में अगर उन्हें कभी किसी विषम परिस्थिति का सामना करना पड़े तो उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाने या कर्ज़ लेने की आवश्यकता नही पड़ेगी।

सरकार गरीबों की मदद के लिए जो राशि उनको पहुँचाती है वह सीधे जन धन खाता धारक के खाते मदद राशि के रूप में जमा हो जाती है। आभी कोरोना के कठिन समय पे गरीबों के मदद हेतु मननीय प्रधानमंत्री जी ने १००२५ करोड़ रुपये की धन राशि २० करोड़ महिला जनधन खाता धारकों के खाते में जमा करवाई जिससे गरीब भाई बहनों को आर्थिक रूप से काफी मदद हुई और जो महिलाएं अकेले घर खर्च चलाती है उनके लिए यह योजना किसी स्वप्न से कम नही थी।

अतः हम यह कह सकते है की प्रधानमंत्री जन धन योजना एक अतयन्त महत्वपूर्ण योजना है खास कर गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के लिये, और हमे कोशिस करनी चाहिए की हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगो तक इस योजना को पहुँचाए क्योंकि अगर देश के लोगों की आर्थिक स्तिथि में सुधार होगा तभी हम एक मजबूत और संयुक्त राष्ट्र की स्थापना कर सकते है।