गणतंत्र दिवस पर निबंध – Republic Day Essay in Hindi

इसे लोकतंत्र अथवा प्रजातंत्र भी कहते हैं अमेरिका के महान राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कहा जनता का जनता के लिए जनता के द्वारा चलाए जाने वाला शासन जनतंत्र या गणतंत्र ही कहलाता है।15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्र घोषित किया  यह स्वतंत्रता भारत को लगभग1000 वर्ष कूलाम रहने के बाद मिली  यह आजादी प्राप्त करने के लिए भारत की आम जनमानस ने धर्म जाति क्षेत्र तथा भाषा के भेद को भूल कर के स्वयं को एकत्रित करके पूरे ही समर्पण के साथ लड़े और प्राप्त किया।

इस आजादी के महान समर में अनेकों महान समाज सुधार को और स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में आए महान नायकों ने सहयोग दिया उनमें से दयानंद सरस्वती स्वामी विवेकानंद लोकमान्य तिलक गोपाल कृष्ण गोखले मोहनदास करमचंद गांधी सुभाष चंद्र बोस सरदार पटेल और भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे रहे।

गणतंत्र दिवस पर निबंध – Long and Short Republic Day Essay in Hindi

26 जनवरी 1950 के दिन 2 साल 11 महीने 18 दिनों के भागीरथ परिश्रम के बाद दुनिया के सभी देशों के महत्वपूर्ण संविधान ऊपर छोड़ कर के एक महान भारतीय संविधान की घोषणा हुई

भारत के राज्य सभा ओं से निर्वाचित 308 सदस्यों के सहयोग से पांच कमेटियों का गठन किया गया  उन कमेटियों ने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

संविधान संविधान निर्माण की पृष्ठभूमि वैसे तो 26 जनवरी 1930 के दिन लाहौर के अधिवेशन में रखी गई जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा पूर्ण स्वराज के मांग की घोषणा की गई।

और उसके बाद समय-समय पर संविधान संबंधी परिचर्चा कांग्रेस कमेटी में होती रही।

15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ तो हमें शासन प्रणाली को सुचारू रूप से व्यवस्थित तरीके से क्रियान्वयन करने के लिए एक संविधान की जरूरत महसूस हुई। भारत के सभी राज्यों के 22 समितियों के द्वारा 308 संविधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन हुआ जिसमें पांच कमेटियां बनाई गई मसौदा समिति

उस समिति का सबसे महत्वपूर्ण अंग था जिसमें 5 सदस्य थे उसके अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर इसी समिति को संविधान बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई इस समिति ने गहन शोध के बाद लगभग 3 वर्ष के समय लेकर एक संविधान बनाया 26 नवंबर 1949 को संविधान का प्रारूप तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इसे अंगीकृत कर लिया गया।  इस संविधान के अनुसार जनता को ही भारतवर्ष का शासक माना गया चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेगी यह भी घोषणा हुई इस संविधान के अनुसार सभी प्रकार के नियम कानून अधिकार कर्तव्य भारतीय जनमानस को प्रदान किए गए।

गणतंत्र दिवस समारोह

1950 प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस पूरे भारतवर्ष में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है देश की राजधानी नई दिल्ली में 26 जनवरी की सुबह भारत के राष्ट्रपति के द्वारा भारत की आन बान शान तिरंगा ध्वज फहराया जाता है वहां पर उपस्थित सभी गणमान्य खड़े होकर के एक साथ भारत के राष्ट्रगान की प्रस्तुति करते हैं।

भारत के प्रधानमंत्री अमर जवान   ज्योति स्थल पर शहीद स्वतंत्रता सेनानियों और भारत के सैनिकों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं भारत के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर आए हुए किसी अन्य देश के  राष्ट्र अध्यक्ष के साथ समारोह में प्रवेश करते हैं, भारत के तीनों सेनाओं के द्वारा परेड की प्रस्तुति होती जाती है देश के प्रतिष्ठित हो जाने-माने लोग स्कूल के विद्यार्थी व आम जनमानस के सामने भारत के सभी राज्यों की झांकियां निकाली जाती उनका लोक संगीत उनका नृत्य उनका वेशभूषा उनकी ललित कलाएं का समावेश इन सभी में होता है।

वहां पर एनसीसी के के छात्र जो कि भारत के विभिन्न महाविद्यालयों से चुने जाते हैं उनका भी परेड किया जाता है उनका उत्साहवर्धन किया जाता है। गणतंत्र दिवस को उस दिन बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है प्रधानमंत्री के साथ-साथ राष्ट्रपति और मुख्य अतिथि को भी अमर जवान ज्योति स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए बुलाया जाता है।

इसके साथ-साथ भारत के सभी गण राज्यों में अथवा संघ राज्यों में उतने ही तन्मयता पूर्वक उतने ही उत्साह के साथ प्रफुल्लित ह्रदय से भारत के उन सभी राज्यों में गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है राज्य सरकारें भी अपने-अपने तरीके से गणतंत्र दिवस के उत्सव को मनाते हैं विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्यापक व प्रोफेसर छात्रों के साथ मिलकर की ध्वजारोहण करते हैं राष्ट्र गान की प्रस्तुति देते हैं। कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है उस दिन सभी सरकारी कार्यालय विद्यालय महाविद्यालय मैं छुट्टी की घोषणा की जाती है।

उपसंहार

पिछले पिछले 70 वर्षों से दर वर्ष निरंतर भारतीय जनता और भारतीय जनता के प्रतिनिधि बड़े ही सम्मान के साथ मनाते हैं और यही कामना करते हैं कि भारत का यह लोकतंत्र यूं ही निरंतर चलता है किसी की गलत वृष्टि इस देश पर अब दोबारा कभी न पड़े यह कैसा पर्व होता है जिससे दिन दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक गणतंत्र देश पूरे दुनिया को संबोधित करता है लोकतंत्र शासन प्रणाली सबसे अच्छे सबसे सुंदर होती है जिसमें जनता ही शासक होती जनता ही होती है।

जनता ही प्रजा होती है इस देश में भारत के सभी लोग स्वतंत्रता पूर्वक दूसरों के जीवन में बिना दखल दिए बिना तकलीफ दिये धर्म जाति पाति ऊंच-नीच भाषा क्षेत्र सभी प्रकार के भेद को ना मानते हुए एक सरल सुंदर शानदार जीवन को दिए और अपनी योग्यता अनुसार बेहतर जीवन शैली का निर्वाह कर सकें।