Infographics क्या है? पूरी जानकारी

प्राचीन काल से लेकर अभी तक किसी भी प्रकार की महत्वपूर्ण सूचना, या किसी वैज्ञानिक द्वारा की हुई नई खोज, या प्रयोग से मिली हुई जानकारियां लोगों तक पहुंचाने के साधनों में बहुत तरक्की हुई है। इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाता है की जो खोज किसी वैज्ञानिक ने की है ,न केवल यह खबर बल्कि यह भी, की वह खोज किस प्रकार की गई है.

Infographic Kya Hota Hai?

यह सामान्य जनता के समक्ष लाया जाए। कोई भी चीज़ को समझने के लिए आप जितना उसके बारे में पढ़ कर जानेंगे ,उससे कई अधिक आप बेहतर समझ पाएंगे यदि आपको वही चीज़ लेखनी के साथ साथ चित्रों और ग्राफ़िक्स में समझने को मिले। इसी का एक रूप है ‘इन्फोग्राफिक्स’।

इन्फोग्राफिक्स का मतलब होता है की जब हम कोई जानकारी या दत्त-सामग्री (डेटा) ,ग्राफिक दृश्य प्रतिनिधित्व से समझने की चेष्टा करते है जिससे हमें वह चीज़ जल्दी और सहज तरीके से समझ आए। ग्राफ़िक द्वारा मानव का दिमाग और  दृश्य प्रणाली की क्षमता को भी बढ़ावा मिलता है, जिससे वे नए पैटर्न और प्रवृत्तियों को बेहतर समझ सके।

पिछले २-३वर्षों में इन्फोग्राफिक्स, जनसंचार के लिए काफी विकसित हुआ है। इसका एक उद्धरण है ‘आईसोटाइप'( इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ़ टाइपोग्राफिक पिक्चर एडुकेशन), यह एक प्रकार का तरीका है जिससे लोगो तक समाजिक, जैविक, टेक्नोलॉजी और ऐतिहासिक ज्ञान चित्रों और ग्राफ़िक द्वरा पहुँचाया जा सके। आइसोटाइप मानकीकृत और पृथक चित्रात्मक प्रतीकों का समुच्चय से मिलकर बना है जो सामाजिक विज्ञान डेटा का प्रतिनिधित्व करता है।

इन्फोग्राफिक्स की तरह और भी कई तरीके निकाले गए है जिससे लोगों तक सही जानकारी ग्राफ़िक, चित्र, रेखांकन, आलेखों द्वारा पहुंचाई जा सके जैसे सांख्यिकीय ग्राफ, इन्फॉर्मेशन डिज़ाइन, इन्फॉर्मेशन आर्किटेक्चर इत्यादि। सन १६२६ में क्रिस्टोफ स्कैनर ने एक किताब में अपने अनुसंधान के बारे में लिखा था जिसमे उन्होंने सूर्य की गति के बारे में बताया था।सर्वप्रथ्म उसमे इन्फोग्राफिक्स देखने को मिला था जिसमे सूर्य की गति को चित्रित कर के प्रदर्शित किया गया है। आज के इस आधुनिक युग में एडोब फ़्लैश एनीमेशन की मदद से इन्फोग्राफिक्स द्वारा कई ऑनलाइन खेल और चीज़े बनाई गई है।

आजकल जो संगीत के चलचित्र बनते है उसमें भी कई तरह से एनिमेट किये हुए इन्फोग्राफिक्स का प्रयोग किया जाता है। नए आधुनकि काल मे अब इन्फोग्राफिक्स को और बढ़ाने के लिए अडोब फ़्लैश के साथ एच. टी.एम. एल और सी.एस. एस.3  का भी प्रयोग हो रहा है। इन्फोग्राफिक्स अलग अलग मीडिया पे अलग अलग सॉफ्टवेयर टूल की मदद से बनाया जा रहा है। न्यूज़ और जर्नलिज़म के क्षेत्र में भी इन्फोग्राफिक्स ने अपने पाँव फैला रखे है।

कुछ खबर या कहानियाँ ऐसी है जिनमें लेखन के साथ चित्र और ग्राफ़िक का भी इस्तेमाल होता है ,इस सिस्टम को मेस्ट्रो कॉन्सेप्ट कहते है। यहाँ तक की धार्मिक कार्यक्रमों में भी इन्फोग्राफिक्स का इस्तेमाल तेज़ी से किया जा रहा है जैसे चर्च में ईसा-मसि और उनके सिद्धान्तों तथा उनके त्याग को लोगों तक आसानी से पहुंचाना और उन्हें समझाना।

इन्फोग्राफिक्स के मुख्य रूप से तीन वर्ग है, पहला है दृश्य जिसके अंदर आते है रंग और ग्राफिक। ग्राफिक्स के भी दो प्रकार है – विषय और संदर्भ। दूसरा वर्ग है कंटेंट यानी सामग्री जिसके अंदर आते है आँकड़े और फैक्ट्स। तीसरा वर्ग है ज्ञान, यह सबसे महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यहाँ दिया जाने वाले डेटा में कुछ प्रकार की अंतर्दृष्टि भी शामिल है।

किन्तु इन्फोग्राफिक्स सबसे ज़्यादा प्रभावशाली अपने दृश्य वर्ग की वजह से है क्योंकि मानव सबसे ज़्यादा किसी भी चीज़ को तभी समझता है जब उसे वह अपने आँखों से स्वयं देखता है।इन्फोग्राफिक्स बनाना बहुत मुश्किल नही है क्योंकि यह आसानी से  पेंसिल, ग्राफ पेपर, मार्कर,द्वारा बनाया जा सकता है,पर आजकल यह सबसे अधिक कंप्यूटर की मदद से बनाया जा रहा है।

इन्फोग्राफिक्स तेज़ी से आधुनिक युग में अपने पाँव बढ़ा रहा है और लोगों को भी इसमें अपने बेहतर  कैरियर नज़र आ रहा है इसलिए यह आजकल विख्यात हो गया है और युवाओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है। लोग एक दूसरे को सोशल मीडिया द्वारा इन्फोग्राफिक्स का लिंक भेज कर इसे विख्यात बना रहे है। टेक्नोलॉजी के साथ बढ़ रहे भारत में आजकल सभी कुछ कंप्यूटर द्वारा किया जा सकता है जिसमें इन्फोग्राफिक्स एक उभरता हुआ वर्ग है और आगे भी यह कई चीज़ों में इस्तेमाल किया जा सकता है।