अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस पर निबंध – Essay On International Sight Day in Hindi

हमारी प्रकृति ने हमे एक बहुत ही अनमोल तोहफे से हमे नवाज़ा है जिस हम ‘दृष्टि ‘ कहते हैं।  हमारी दृष्टि ही है जो हमें हमारे आस पास होने वाले क्रियाकलापों क साथ साथ इस खूबसूरत दुनिया को देखने और समझने के लिए माध्यम प्रदान करती है।  परन्तु कुछ ऐसे भी लोग हमारे आस पास पाए जाते हैं जो की इस खूबसूरत दुनिया को देख पाने में असमर्थ होते हैं।

इसके अलावा बढ़ती व्यस्तता तथा आधुनिक संयंत्रों का  लगातार इस्तेमाल करते रहने की वजह से पूरे विश्व में करोड़ों  लोग ऐसे हैं जिनकी देखने की क्षमता क्षीण होते जा रही  है। ऐसे में उनको सही तरीके से देखने के लिए चिकित्सकीय परामर्श के साथ साथ चश्मे का भी प्रयोग करना अनिवार्य होता जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस पर निबंध – Long and Short Essay On International Sight Day in Hindi

विश्व भर में बढ़ती इस समस्या को मद्देनज़र रखते हुए चिकित्सक हमेशा ये सलाह देते हैं की हमे अपने आँखों का सही से ख्याल रखना चाहिए ताकि दृष्टि बाधा  जैसी कोई समस्या हमारे साथ ना आये।  प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस का उद्देश्य लोगों में इस जागरूकता को बढ़ाना तथा नेत्रदान के लिए लोगों को प्रेरित करना है।

इस धरती पर प्रत्येक जीव या वस्तु नश्वर है , जो भी जन्म लेता है उसे एक न एक दिन इस दुनिया को छोड़ कर जाना होता है किन्तु जाने से पहले अगर कोई  नेत्रदान जैसा  नेक कार्य करे जिसके द्वारा आप के दुनिया  से जाने के बाद भी कोई जरूरतमंद नेत्रहीन व्यक्ति आपके द्वारा दी हुई रौशनी से इस दुनिया को देख पाने में सक्षम हो पायेगा तो इस से अच्छा और क्या हो सकता है।

हम सभी एक पढ़े लिए और शिक्षित समाज में रह रहे हैं तो एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमारा ये कर्त्तव्य बनता है की हम भी अपने आस पास के लोगों , मित्रो या सहयोगीजनों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करें और जो लोग कर चुके हैं उन्हें प्रोत्साहित करे और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस मनाने के उपलक्ष्य को सार्थक बना सकें   हमारा एक छोटा सा प्रयास किसी की दुनिया में रौशनी ला सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस का आरम्भ

सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस का आरम्भ वर्ष २०००  में लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन में दृस्टि प्रथम अभियान के तहत किया गया था । वैश्विक स्तर पर इस दिवस को मनुष्यों में होने वाली दृष्टि बाधा, अंधापन इत्यादि समस्याओं के  प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को मनाये जाने वाले इस अभियान के द्वारा नेत्रदान के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जाता है। विश्व में कई लोग ऐसे हैं जो जन्म से अंधे  हैं और कुछ किसी न किसी दुर्घटना या बीमारी की वजह से अपनी आँखों की रौशनी खो देते हैं  ऐसे में अगर नेत्रदान किये हुए व्यक्ति के दुनिया से जाने के उपरांत उसके नेत्र के प्रत्यारोपण से उस व्यक्ति के आँखों की रौशनी लौटाई जा सकती है।

आंकड़ों को देखा जाये तो लोगों में बढ़ती लापरवाही के कारण अनेक प्रकार के नेत्र रोगों से लोग ग्रसित हैं। इन सब के अलावा ऐसी भी कुछ बीमारियां हैं जो अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस की ओर ध्यान केंद्रित करती हैं उदाहरणस्वरूप  ट्रैकोमा,  मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, अपवर्तक त्रुटि , कम दृष्टि, मधुमेह रेटिनोपैथी इत्यादि । इन्ही सब समस्याओं को  मद्देनजर रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस का आरम्भ हुआ तथा लोगों में इसकी जागरूकता को बढाने हेतु निरंतर प्रयास जारी है।

अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस कैसे मनाते हैं ?

अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस के आरम्भ वर्ष 2000 के बाद से दृष्टि  सम्बन्धी विकारों , दोषों , अंधापन या अन्य समस्याओं  से जूझ रहे व्यक्तियों की समस्याओं से निजात पाने के लिए विभिन्न संस्थाएं इस अभियान के तहत लोगों में जागरूकता को बढ़ने का प्रयास कर रही हैं और यह प्रयास अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर जारी है।

इस गंभीर समस्या के मुद्दों के प्रति लोगों का ध्यान केंद्रित करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया जाता है , उदाहरणस्वरूप,  सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन , निशुल्क नेत्र जांच शिविर , मधुमेह की जांच के लिए शिविर जिसके द्वारा मधुमेह के कारण होने वाली समस्या रेटिनोपैथी का पता चलता है , प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ साथ मीडिया कार्यक्रम  इत्यादि के माध्यम से इस दिवस को के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने तथा इसे सफल बनाने का प्रयास किया जाता है।

नेत्र स्वास्थय के लिए किन बातों का रखें खास ख्याल ?

अपने शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग ‘ नेत्र ‘ को स्वस्थ रखने के लिए हम सभी को प्रयासरत रहना चाहिए।  अपनी कुछ आदतों में बदलाव कर के हम इन प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव देख सकते हैं।  उदाहरवस्वरूप

  • प्रतिदिन संतुलित आहार लें, अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों , सलाद , अंडे इत्यादि को शामिल करें।
  • ध्रूमपान करने से बचें ।
  • सूर्य की सीधी रौशनी से बचने के लिए जब भी धूप में जाएँ , धूप का चश्मा अवश्य पहने।
  • अगर लम्बी अवधी तक कंप्यूटर का प्रयोग करना हो तो थोड़ी थोड़ी देर में उठकर चहलकदमी करें या कुछ सेकंड के लिए अपनी आँखों को कंप्यूटर स्क्रीन से दूर रखे।
  • जब भी पढाई करें यह सुनिश्चित करें की वह उचित प्रकाश की व्यवस्था हो।
  • समय समय पर आँखों की नियमित जांच कराएं।

उपसंहार

प्रकृति के दिए हुए इस अनमोल उपहार ‘ दृष्टि ‘ को अपने कुछ प्रयासों से हम हमेशा स्वस्थ रख सकते हैं।  दृष्टि को स्वस्थ रखने के साथ साथ हमारा ये कर्त्तव्य बनता है की अगर हमारे नेत्रदान जैसे किये गए नेक कार्य से हमारे इस दुनिया से जाने के बाद अगर कोई व्यक्ति इस दुनिया को देख पाने में समर्थ हो पायेगा तो हमे अवश्य ही इस बारे में विचार करना चाहिए और इस ओर एक कदम बढ़ा के नेत्रदान करना चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस के प्रयासों  को सफल बनाने के हेतु एक जागरूक नागरिक होने का कर्त्तव्य पालन हमे करना चाहिए , अर्थात हमे स्वयं तो नेत्रदान करना ही चाहिए साथ ही साथ अपने मित्रों या सहयोगियों को भी प्रेरित करना चाहिए।  नेत्रदान के साथ ही साथ नेत्र सम्बन्धी अन्य विकारों से बचने के लिए भी हमे अपने समाज में जागरूकता को बढ़ने हेतु प्रयास करना चाहिए।