महावीर जयंती पर निबंध – Essay On Mahavir Jayanti in Hindi

महावीर जयंती पर निबंध – Long and Short Essay On Mahavir Jayanti in Hindi

भारत में अनेक धर्म एवं जाति के लोग रहते हैं जो अपने धर्म के त्योहारों के बारे में बताने हैं। पर्व किसी भी धर्म का क्यो नही हो यहां हर धर्म के लोग उसे मनाते हैं। ऐसे ही भारत को देवी और देवताओं का देश भी मानते हैं।

और इस धरती पर कई सारे देवी-देवताओं ने महापुरुषों के रूप में जन्म लिया है और धरती को पावन किया है। हम इसे महापुरुषों के अवतरण दिवस को उनके जयंती के उपलक्ष्य में मनाते हैं। इसे ही एक महापुरुष के लिए “महावीर जयंती” मनाया जाता है।

महावीर जयंती जैन धर्म के लोगो द्वारा मनाया जाने वाला एक विशेष उत्सव है। महावीर जयंती जैन धर्म के संस्थापक ‘ संत महावीर’ या ‘भगवान महावीर’ के जन्म के रूप में मनाया जाता है।

महावीर जी जैन धर्म के २४ वें तीर्थकर थें। उस समय उच – निचले और जात – पात की भेदभावना लोगों में बहुत ज्यादा फैली हुई थी। महावीर जी ने अपना संपूर्ण जीवन अहिंसा को बढ़ावा देने में लगा दिया। यह एक क्षत्रिय राजकुमार थे । उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज से बुराई को मिटाने में लगा दिया है ।

महावीर जी का जन्म हिन्दू केलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था। उनके पिता का नाम राजा सिद्धार्थ एवं माता का नाम रानी त्रिसला था। उनके बचपन का नाम वर्धमान था।

यह जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर बने। इनके जीवन का उद्देश्य था समाज से हिंसा को दूर करना। इन्होंने कई सिद्धांत भी बनाया। यह बिहार के वैशाली राज्य के राजघराने से थे लेकिन उनका मन राज कार्य और धन संपत्ति में नहीं लगता था। वे सभी मनुष्यों के मन से बुरे विचार दूर कर समाज को पवित्र करने की कोशिश करते थे।

महावीर जयंती पर क्या करते हैं?

जैन धर्म के लोगों के लिए महावीर जयंती एक विशेष दिन है। भगवान महावीर जी ने जैन धर्म का प्रचार- प्रसार किया। पूरे भारत में जैन मंदिरों में पूजा-पाठ किया जाता है। इस दिन लोग विभिन्न प्रकार की समाज सेवा करते हैं। दान करते हैं।

महावीर जी की झांकियां एवं शोभायात्रा निकाली जाती है। गरीब लोगों को कपड़ा, भोजन, रुपए और अन्य आवश्यक सामग्री भेंट करते हैं। महावीर जी के मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है। कुछ शहरों में भव्य भव्य समारोह आयोजित किया जाता है। मंदिरों में प्रवचन द्वारा कुछ महान जैनी लोग जैन धर्म के सिद्धांतों को लोगों तक पहुंचाते हैं। महावीर जी ने जो उपदेश और व्यावहारिक ज्ञान दिया उसको लोगों तक पहुंचाते हैं। और उन्हें याद किया जाता है।

निष्कर्ष

महावीर जयंती भारत के महापुरुष को याद करने और उनके जन्मदिन की खुशी में मनाते हैं। जिस प्रकार महावीर जी के अंदर जनकल्याण की भावना जगाई उसी प्रकार हमें दूसरों की मदद करने की भावना जगानी चाहिए।