विजय दशमी पर निबंध – Essay On Vijayadashami in Hindi

हमारे त्यौहार हमारी सभ्यता और संस्कृति को दर्शाते हैं। हमारा पर्व हमारे धर्म का पहचान है। हर त्यौहार मनाने की अपनी परंपरा और विधि है। सभी पर्व इस संसार और समाज को कोई ना कोई संदेश प्रदान करते हैं। और जीवन में खुशियां ले आते हैं। इन्हीं पर्व मैं से एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्व “विजयादशमी” जिसे हम दशहर के नाम से भी जानते हैं।

विजय दशमी पर निबंध – Long and Short Essay On Vijayadashami in Hindi

विजयादशमी हिंदुओं का बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार है। यह प्रतिवर्ष अश्वनी मास के शुक्ल पक्ष के दसवीं को मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी ने रावण का वध किया था और अधर्म पर धर्म के विजय हुए थी। इसी खुशी में हम विजयदशमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

इस दिन जगह जगह पर रामलीला जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और रावण दहन होता है। बड़े बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। घरों में तरह-तरह की मिठाइयां और पकवान बनते हैं। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। और हिंदुओं में यह त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

विजयादशमी कैसे मनाते हैं

विजयादशमी की तैयारी 9 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। विजयदशमी के 9 दिन पहले नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है और जगह जगह पर मां दुर्गा की मूर्ति रखी जाती है। विजयदशमी के दिन कई जगहों पर राम जी की झांकियां निकाली जाती हैं। यह त्यौहार हिंदुओं के संस्कृति और परंपरा को और भी ज्यादा सुशोभित करता है।

इस दिन योग नए-नए वस्त्र पहन कर एक दूसरे के घर में विजयादशमी की बधाई देने जाते हैं और आपस में भाईचारे का प्रेम स्थापित करते हैं। यह त्यौहार अमीर से लेकर गरीब सभी लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। सबके घर में अच्छे-अच्छे पकवान बनते हैं और लोग उत्साह और आनंद के साथ इसे अपने परिवार के साथ मनाते हैं। विजयादशमी का त्योहार धार्मिक आस्था और भक्ति को दर्शाता है। गांव गांव में रामलीला का आयोजन किया जाता है और इस रामलीला को देखकर बच्चे अत्यधिक प्रभावित होते हैं।

निष्कर्ष

विजयदशमी का त्यौहार हमें सिखाता है कि चाहे कुछ भी हो जाए कभी भी बुराई की जीत नहीं होती है जीत हमेशा अच्छाई की होती है। हां यह हो सकता है कि थोड़ा टाइम लगे लेकिन अंत में जीत अच्छाई की ही होती है। इसीलिए हमें कभी बुरे मार्ग पर नहीं चलना चाहिए चाहे जो भी हालात हो हमें हमेशा सच्चाई के साथ खड़ा होना चाहिए।

जिस प्रकार इतने बलवान और विद्वान रावण का एक दिन अंत हो गया उसी प्रकार से हर बुराई का एक दिन अंत होना निश्चित है। इसीलिए हमेशा सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए। इस विजयदशमी के त्योहार से हमें यही प्रेरणा मिलता है।