मानव अधिकार पर निबंध – Essay on Human Rights in Hindi

भारत में मनुष्यों को सभी तरह के अधिकार प्राप्त हैं। उन्हीं अधिकारों में से एक जिसे हम “मानव मूल अधिकार” के नाम से जानते हैं। मानव मूल अधिकार के अंतर्गत हमें कुछ ऐसे अधिकार प्राप्त हैं जो हमारे लिए अति आवश्यक है।

मानव अधिकार पर निबंध – Long and Short Essay on Human Rights in Hindi

मानव अधिकार को मौलिक अधिकार भी कहा जाता है। यह अधिकार मानव के अस्तित्व और विस्तृत के लिए अति आवश्यक है। इन अधिकारों का हमारे भारतीय संविधान में बहुत ही अच्छी तरह से उल्लेख किया गया है।

मौलिक अधिकारों का गहन अध्ययन

मौलिक अधिकारों के रूप में हमें 6 प्रकार के अधिकार प्राप्त है। जो निम्न प्रकार से है-

समानता का अधिकार

इसके अंतर्गत रंग, रूप, लिंग और जात-पात के आधार पर हम कानूनी प्रावधानों में भेदभाव नहीं कर सकते हैं। सबको समान कानूनी अधिकार प्राप्त है। यह अधिकार मुख्य रूप से अस्पृश्यता की भावना को खत्म करने के लिए बनाया गया है।

स्वतंत्रता का अधिकार

इसके अंतर्गत हमें बोलने, भाषण की अभिव्यक्ति, अपने मनचाहे जगहों पर यात्रा करने, भारत के किसी भी हिस्से में रहने और यूनियन बनाने की स्वतंत्रता प्राप्त है।

इस अधिकार में यह भी कहा गया है कि कोई भी भारतीय कहीं भी इच्छा अनुसार जमीन खरीद सकता है। और अपना मनचाहा कारोबार कर सकता है। इसके अंतर्गत यह भी कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को एक दोस्त के लिए दो बार सजा नहीं दी जाएगी। और ना ही उससे जबरदस्ती दोषी बनने के लिए मजबूर किया जाएगा।

शोषण के विरुद्ध अधिकार

इसके अंतर्गत यह बताया गया है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी कारखाने, घरों और ढाबों काम नहीं कराया जा सकता। बच्चों से ऐसा कोई भी काम नहीं कराया जा सकता जिनसे उनके जीवन को खतरा हो। मानव तस्करी और भिखारी को कानूनी अपराध माना गया और इसमें शामिल लोगों को कठोर दंड देने का प्रावधान किया गया। बाल मजदूरी के खिलाफ कानून को और भी मजबूत बनाता है। इस अधिकार के जरिए कोई भी बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठा सकता है और कानून मुझे कठोर से कठोर दान दिलाने का काम करेगी।

धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार

इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार अपने धर्म का प्रचार प्रसार कर सकता है। किसी को भी जबरदस्ती किसी धर्म में शामिल नहीं किया जा सकता। किसी को भी अपने धर्म के लिए धार्मिक संस्थानों को बनाने का हक है।

सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार

इसके अंतर्गत सभी को शिक्षा का अधिकार है और सांस्कृतिक अधिकारियों कहता है कि सांस्कृतिक हमें विरासत में मिली है इसकी संरक्षित करना हमारा कर्तव्य है। इसके तहत हम इच्छा अनुसार किसी भी प्रकार की शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र हैं।

संवैधानिक अधिकार

इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है। इसके अंतर्गत ऊपर दिए किसी भी मौलिक अधिकार का अगर कोई हनन कर रहा है तो आप उसके खिलाफ कार्यवाही की मांग कर सकते हैं।

निष्कर्ष

मानव को प्राप्त मूल अधिकार कठिन समय में उनका साथ देते हैं उनके साथ हो रहे अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने में मदद करते हैं। हर मानव को अपने मूल अधिकार जाना जरूरी है।

ताकि अगर उसे जरूरत पड़े तो वह इसके सहारे अपने हक के लिए लड़ सके। आज के युवाओं को अपने मूल अधिकारों को अच्छे से समझना चाहिए और सही समय आने पर इनका प्रयोग करना चाहिए। मैं अपने मूल अधिकारों का प्रयोग कभी भी गलत कामों के लिए नहीं करना चाहिए।