गोवर्धन पूजा पर निबंध – Short Essay On Govardhan Puja In Hindi
परिचय
हमारे देश को पर्वों का देश माना जाता है। यहां सबसे ज्यादा हिन्दू धर्म के त्योहार मनाएं जाते। दिपावली के बारे में सभी लोग जानते हैं कि दिपावली बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। दिपावली के बाद हम एक और त्योहार मनाते हैं जिसे गोवर्धन पूजा के नाम से जाना जाता है। गोवर्धन पूजा का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है।
गोवर्धन पूजा मनाने का कारण
गोवर्धन पूजा मनाने की परंपरा द्वापरयुग से चली आ रही है। गोवर्धन पूजा से जुड़ी बहुत सारी कहानियां हैं। जिनमें से एक विशेष कहानी भगवान श्रीकृष्ण जी पर आधारित है।
ऐसा कहा जाता है कि द्वापरयुग में जब मानव कल्याण के लिए भगवान विष्णु जी ने कृष्ण जी के रूप में इस धरती पर अवतरित हुए थे। और इस धरती पर उन्होंने विभिन्न लीलाएं की थी। और इन्हीं लीलाओं में से एक गोवर्धन पूजा की भी है। कहा जाता है कि जब श्री कृष्ण जी ने इंद्रराज की पूजा ना करके गोवर्धन पूजा करना दी ।
जब इंद्रराज ने देखा कि उनकी पूजा ना करके लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा कर रहे हैं तो इंद्र देवता नाराज हो गए और अपने शक्ति से घनघोर वर्षा और तूफान से धरती पर तबाही मचा दी। इंद्र देवता के इस रूप को देखकर भगवान कृष्ण को भी बहुत गुस्सा आया और इस तबाही से लोगों को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी अंगुली पर लगभग 7 दिन तक उठाए रखा और इंद्रराज के क्रोध से लोगों को बचा लिया। इसके बाद इंद्र जी को भी अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण जी से माफी मांगी। और फिर समस्त संसार में गोवर्धन पूजा की पूजा होने लगी।
गोवर्धन पूजा कैसे मनाते हैं?
गोवर्धन पूजा को बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। हिंदू धर्म में गाय को माता कहा के रूप में पूजा जाता है। इसलिए इस दिन गो माता के गोबर से श्री कृष्ण भगवान और माता अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति बनाई जाती है। और इनकी पूजा की जाती है। और प्रार्थना करते हैं कि अन्नपूर्णा देवी सदैव हमारे परिवार पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें। गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन ही मनाया जाता है। इस दिन घरों में 56 तरह के पकवान बनाए जाते हैं। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
निष्कर्ष
गोवर्धन पूजा से हमें ये समझाता है कि भक्ति में बहुत शक्ति होती है। और किसी को भी अपने शक्ति पर घमंड नहीं करना चाहिए । जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण जी ने इंद्र भगवान का घमंड तोड़ दिया। उसी प्रकार घमंड एक ना एक दिन जरूर टूटता है। त्योहारो के वजह से घर में खुशियां आती है। इस लिए हमें पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए।